मॉनसून के मौसम में होती है कई तरह की बीमारी इनसे बचने के लिए अपने ये तरीका। …
मॉनसून यानी खुशनुमा मौसम, लेकिन मानसून ही वह मौसम भी है जब डेंगू, मलेरिया और कई सिजनल बीमारियां अपना विस्तार करती हैं और बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में लेती हैं.
ऐसे में इस मौसम में खुद और परिवार को सेहतमंद रखने की चुनौती और अधिक बढ़ जाती है. एक तरफ वैसे ही देशभर में कोरोना महामारी तांडव मचाए हुए है, ऐसे में अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य डेंगू जैसी बीमारी की चपेट में आ जाए
तो यह वाकई किसी भी परिवार को स्ट्रेस में डाल सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि इस मौसम में अपने खान-पान और रहन सहन पर खास ध्यान रखें. फारमेसी डॉट इन के मुताबिक
दरअसल इस मौसम में हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम रहती है जिससे थोड़ी भी लापरवाही होने पर हम किसी भी बैक्टीरिया के शिकार हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि किस तरह हम इन बीमारियों से बच सकते हैं.
बरसात के मौसम में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया एक्टिव हो जाते हैं जिस वजह से इस समय वायरल फीवर, एलर्जी आदि बहुत ही आसानी से किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि हम इस मौसम में अधिक विटामिन सी युक्त भोजन करें. उदाहरण के तौर पर स्प्राउट, ग्रीनवेजिटेबल, ऑरेंज आदि.
इस मौसम में जहां तक हो सके घर का भोजन करें. जंक फूड या स्ट्रीट फूड पर कई तरह के खतरनाक माइक्रोऑरगेनिज्म पनप जाते हैं जो हमारे शरीर को टॉक्सिक कर बीमार बना सकते हैं.
ऐसे भोजन का सेवन करें जो आपकी इम्युनिटी को मजबूत बनाए. ताजा फल, सब्जियां आदि का सेवन अधिक से अधिक करें.
अपने भोजन में दही आदि को शामिल करें. इनमें मौजूद प्रोबायोटिक्स पेट के गुड बैक्टीरिया को हेल्दी बनाते हैं और हमें कई बीमारियों से बचाते हैं.दक्षिण भारतीय फूड प्रोबायोटिक के अच्छे स्रोत होते हैं. इनमें इडली, डोसा और खमीर युक्त खाद्य पदार्थ आपके स्वास्थ्य के लिहाज से बेहतर होते हैं.
फरमेन्टेशन की प्रक्रिया से भोजन के पोषक तत्वों की मात्रा और बढ़ जाती है. ऐसे में इन फूड को अपनी डाइट में शामिल करना स्वास्थ्य के लिहाज़ से बेहतर होता है.
इस मौसम में तो हाइजीन और भी जरूरी होता है. हालांकि कोरोना काल में हमने हाइजीन के महत्व को समझा है और अब हमारी आदतों में भी ये शुमार हो चुका है.
इस मौसम में जहां तक हो सके मच्छरों को पनपने ना दें. घर या आसपास निगरानी रखें कि कही टूटे बरतन, गमले, कूलर आदि में मच्छर तो नहीं पनप रहे. इससे आप डेंगू, मलेरिया आदि से बच सकेंगे. अगर मच्छर हो रहे हों तो मच्छरदानी का प्रयोग करें.