कोरोना में लापरवाही हो सकती है खतरनाक कोरोना कमजोर हुआ पर खत्म नहीं : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश व दुनिया त्रस्त रही है. कई राज्यों व देशों में व्यापक क्षति हुई है. हमें यह ध्यान रखना होगा कि कोरोना कमजोर जरूर हुआ है, खत्म नहीं।
इसके खिलाफ लड़ाई में सावधानी व जागरुकता सबसे बड़ा हथियार है. सीएम योगी शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर के कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि बीमारी में लापरवाही खतरनाक हो सकती है इसलिए हमें निरंतर सतर्क रहना होगा. सावधानी व बचाव बहुत आवश्यक है. दो गज की दूरी, मास्क जरूरी के मंत्र का पालन करते रहना होगा. कोरोना बीते 100 वर्षों में सबसे भीषण महामारी है. इसके खिलाफ सामूहिक प्रयास से सफलतापूर्वक लड़ा जा रहा है.
सीएम योगी ने कोरोना त्रासदी में निराश्रित हुए बच्चों के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की भी विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जिन बच्चों ने कोरोना के चलते अपने माता पिता या घर के कमाऊ अभिभावक को खोया है, उनके पालन पोषण व पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी. इन बच्चों के लिए केंद्र व राज्य सरकार ने कई प्राविधान किए हैं.
इसी क्रम में 18 वर्ष से अधिक के बच्चों की उच्च व तकनीकी शिक्षा की निशुल्क व्यवस्था के साथ उन्हें टैबलेट भी दिया जाएगा. इसके साथ ही निराश्रित हुई बालिका के शादी योग्य होने पर सरकार की तरफ से एक लाख एक हजार रुपया प्रदान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बाल संरक्षण गृहों में रहने वाले बच्चों के लिए सरकार की तरफ से प्रति माह दो हजार रुपया पहले से ही दिया जाता है. भारत सरकार ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों के लिए पीएम केयर्स फंड की व्यवस्था की है जिसमें बच्चे के 23 वर्ष का होने पर 10 लाख रुपये दिए जाने की व्यवस्था की गई है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत लाभान्वित किए जाने हेतु अभी तक 174 बच्चे चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने अपने कमाऊ अभिभावक को खोया है.
इनमें से छह बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने माता पिता दोनों को खोया है. इनमें से पांच बच्चों से मुख्यमंत्री ने शुक्रवार सुबह मुलाकात की. उन्होंने कहा कि बच्चों को सरकार की योजना का लाभ दिलाने के लिए
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है. सीएम योगी ने कहा कि सभी निराश्रित बच्चों के प्रति सरकार की संवेदना है और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी.