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देश : 2-6 साल तक के बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल शुरू

देश में अब बच्चों पर कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल शुरू हो चुका है. अब तक 2 से 6 साल तक के उम्र के 5 बच्चों को टीका लगाया जा चुका है. पहली बार दो साल आठ महीने की बच्ची को टीका लगाया गया.

कानपुर देहात में एक निजी डॉक्टर ने अपनी बच्ची पर वैक्सीन ट्रायल के लिए उसका वैक्सीनेशन करवाया. इन बच्चों को टीका लगाने से पहले ब्लड सैंपल लिया गया. ये टीका कौवैक्सीन के प्लान के तहत लगाया गया है.

कानपुर के डॉक्टर जेएस कुशवाहा ने बताया, अभी तक 12-18 साल के 20 बच्चों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, 6 से 12 साल के भी 20 बच्चों को डोज दी गई और 2 से 6 साल के पांच बच्चों को टीका लगाया गया है. सभी बच्चे ठीक हैं. कोई खास प्रॉब्लम नहीं है. थोड़ा बहुत दर्द हो रहा है बस.

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भी बच्चों को कोविड से सुरक्षा देने वाली कोवोवैक्स वैक्सीन का ट्रायल जुलाई में शुरू करने के संकेत दिए हैं. टीका डेवलप करने वाली अमरीकी कंपनी नोवावैक्स ने अमरीका में किए गए बच्चों पर ट्रायल के बाद कहा था कि अमरीकी राज्य मैक्सिको के 119 शहरों में इसके फेज-3 ट्रायल के बहुत अच्छे परिणाम सामने आए जिनका प्रतिशत 90.4% रहा.

दिल्ली एम्स अस्पताल के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को सितंबर तक बच्चों के लिए मंजूरी दी जा सकती है. उन्होंने कहा बच्चों पर कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के बाद सितंबर तक डाटा उपलब्ध हो जाएगा.

इसी महीने बच्चों के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी दी जा सकती है. इसके साथ ही अगर फाइजर-बायोएनटेक को भारत में मंजूरी मिलती है तो यह भी बच्चों के लिए एक वैक्सीन का एक विकल्प हो सकता है.

हालांकि डॉ. गुलेररिया ने इस बात से इनकार किया है कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना ज्यादा है. उन्होंने कहा कि इस थ्योरी पर विश्वास करने का कोई कारण ही नहीं है.

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