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1 जुलाई से निजी अस्पताल सीधे वैक्सीन निर्माता से नहीं खरीद सकते कोरोना के टीके

देश में कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए तेजी से कोविड टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है। केंद्र सरकार ने कोविड टीकाकरण अभियान में सरकार ने एक अहम बदलाव किया है।

इसके तहत 1 जुलाई से निजी अस्पताल अब सीधे वैक्सीन निर्माता से कोरोना के टीके नहीं खरीद सकते हैं। उन्हें अब कोविन पर वैक्सीन का ऑर्डर देना होगा। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने वैक्सीन की मंथली स्टॉक की लिमिट भी तय करने का फैसला लिया है।

अंग्रेजी समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के अस्पतालों में मंगलवार को एक एसओपी यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर डॉक्यूमेंट पहुंचा है, जिसके मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों में बीते महीने किसी खास सप्ताह में रोज जितनी औसत वैक्सीन की खपत हुई

उससे दोगुनी डोज ही मिलेंगी। हालांकि, निजी अस्पतालों को वैक्सीन के लिए रोजाना का औसत निकालने के लिए अपनी पसंद का हफ्ता चुनने की छूट होगी। इसकी जानकारी कोविन पोर्टल से ली जाएगी। 

उदाहरण के तौर पर अगर कोई निजी टीकाकरण केंद्र जून 10-16 सप्ताह का चयन करके जुलाई के लिए ऑर्डर देता, जिस दौरान 630 खुराकें दी गई थीं, तो उस अस्पताल की औसत दैनिक खुराक 90 (630/7 = 90) होगी।

इस तरह से निजी अस्पताल जुलाई के लिए अधिकतम 5400 खुराक (90 x 30 x 2 = 5,400) का ऑर्डर दे सकता है। एसओपी में कहा गया है कि पहले 15 दिनों के दौरान वैक्सीन की खपत के आधार पर एक महीने की अधिकतम सीमा को दूसरे पखवाड़े में संशोधित किया जा सकता है।

एसओपी के मुताबिक, इसके साथ ही उन अस्पतालों के लिए जो टीकाकरण अभियान में शामिल होने की योजना बना रहे हैं और जिनका पहले से वैक्सीन की खपत का रिकॉर्ड नहीं है। उनके लिए उपलब्ध बिस्तरों की संख्या के आधार पर वैक्सीन की अधिकतम सीमा तय की जाएगी। 50 बिस्तरों वाला एक अस्पताल अधिकतम 3,000 खुराक का आदेश दे सकता है, जबकि 50-300 बिस्तरों वाला अस्पताल 6,000 खुराक तक और 300 बिस्तरों वाला अस्पताल 10,000 खुराक तक का आदेश दे सकता है। 

एसओपी में कहा गया कि निजी टीकाकरण केंद्र एक महीने में चार किस्तों में वैक्सीन का ऑर्डर दे सकते हैं। कोरोना वैक्सीन खरीद के लिए किसी भी सरकारी प्राधिकरण से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

कोविन पर खरीद आदेश को सफलतापूर्वक प्रस्तुत करना ही पर्याप्त होगा। एक बार डिमांड प्रस्तुत करने के बाद निर्माताओं को देने से पहले जिले और राज्य-वार संख्याओं को कोविन एकत्रित करेगा।

निजी केंद्रों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण पोर्टल पर वैक्सीन के लिए भुगतान करना होगा। इससे पहले नियम यह था कि 25 फीसदी वैक्सीन निजी अस्पताल सीधे निर्माताओं से खरीद सकते थे और 75 फीसदी केंद्र अपने हिस्से में रखता था।

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