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उत्तर प्रदेश : केसी त्यागी का बयान प्राथमिकता है कि एनडीए के साथ मिलकर लड़े चुनाव

उत्तर प्रदेश के मेरठ में आज जदयू के राष्ट्रीय महासचिव किसान आंदोलन पर मुखर होकर बोले. उन्होंने कहा कि धार्मिक किताबों में संशोधन नहीं हो सकता, लेकिन कृषि क़ानून में हो सकता है.

और कृषि कानून कोई गीता या कुरान नहीं है कि परिवर्तन नहीं हो सकता. केसी त्यागी ने कहा कि सरकार को किसानों से वार्ता करनी चाहिए. और किसानों को ज़िद नहीं करनी चाहिए. साथ ही किसानों को किसी राजनीतिक पार्टी का मोहरा भी नहीं बनना चाहिए.

सरकार और राकेश टिकैत के बीच मध्यस्थता करने के सवाल पर केसी त्यागी ने कहा कि वह इस काबिल नहीं हैं. त्यागी ने कहा कि किसानों को एमएसपी नहीं बल्कि लाभकारी मूल्य जरूर मिलना चाहिए, जिसके वे हकदार हैं.

यूपी में आगामी विधानसभा चुनावों पर भी के सी त्यागी ने बयान दिया. उन्होंने कहा कि प्राथमिकता है कि एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ें. लेकिन अगर तालमेल नहीं होता है तो 200 सीटों पर पार्टी अकेले चुनाव लडेगी. केसी त्यागी ने कहा कि औवैसी की पॉलिटिकल पावर यूपी में नहीं है. वो सिर्फ वोट काटने वाले हैं.

केसी ने कहा कि मतांतरण को राजनैतिक लाभ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. कानून में बालिग और नाबालिग दोनों की स्वतंत्रता के बारे में संविधान में स्पष्ट व्याख्या है.

केसी त्यागी ने एक सवाल पर जवाब दिया कि राष्ट्र में पिछले काफी समय से अंदरूनी टकराव बढ़ता देखा जा रहा है. राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्र व राज्य के बीच कहीं न कहीं कुछ न कुछ अनबन चल रही है.

जो किसी भी राष्ट्र की बढ़ोतरी के लिए ठीक नहीं है. जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सासंद केसी त्यागी ने मदरसे में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान ये बातें कहीं. वह मदरसे के संस्थापक शाहीन जमाल चतुर्वेदी की मृत्यु के बाद सांत्वना देने पहुंचे थे. उनका दो जून को निधन हो गया था. मदरसे के मशहूउर्रहमान ने उन्हें पुस्तक भी भेंट की.

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