फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े ये अहम नियम में क्या हुआ बदलाव ?
अगर आपने भी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट कराई है या कराने की सोच रहे हैं तो आपके लिए जरूरी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार FD से जुड़ा अहम नियम में बदलाव किया है.
RBI ने बैंकों में Fixed Deposit की मियाद पूरी होने के बाद बिना दावे वाली राशि पर ब्याज के नियमों में बदलाव किया है. नए नियम के अुनसार, अगर मैच्योरिटी की तारीख पूरी हो जाती है बावजूद इसकी राशि पर क्लेम नहीं किया जाता है तो इस पर ब्याज कम मिलेगा.
RBI ने सर्कुलर में कहा कि यह निर्णय किया गया है कि अगर फिक्स्ड डिपॉजिट परिपक्व होती है व राशि का भुगतान नहीं हो पाता है और वह बिना दावा के बैंक में पड़ी रहती है तो उस पर ब्याज दर बचत खाता के हिसाब से या सावधि जमा की परिपक्वता पर ब्याज की अनुबंधित दर, जो भी कम हो, देय होगी.
नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, लघु वित्त बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होगा. मियादी जमा में वह जमा राशि है, जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है. इसमें आवर्ती, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं.
बता दें कि पैसों को बेहतर तरीके से निवेश करने के लिए ज्यादातर लोग FD को पसंद करते हैं. यह निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. जो निवेशक जोखिम से बचना चाहते हैं तो उनके लिए FD अच्छा विकल्प होता है. .
निवेशकों के सामने पैसा जमा करने और रिटर्न पाने के कई अच्छे विकल्प हैं. FD में निवेश करने के लिए ऊंची ब्याज दरें बेहद आकर्षक होती हैं. इसमें निवेश की गई रकम की सुरक्षित, सुनिश्चित लाभ, निवेश करने में आसानी और पेमेंच पाना आसाना रहता है. यह FD बाजार की गतिविधियों से प्रभावित नहीं होती है.