हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने पहाड़ी राज्य में जीवन किया अस्त-व्यस्त
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने आखिरकार पांच दिनों की देरी के बाद मंगलवार को पूरे देश को कवर कर लिया, जिससे दिल्ली सहित उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई जहां बारिश नहीं होने के कारण लोग गर्मी से परेशान थे.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने मीडिया को बताया कि भारी बारिश से भूस्खलन हो सकता है, निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है, नालों में भारी बहाव हो सकता है और नागरिक सुविधाओं में व्यवधान आ सकता है.
हिमाचल प्रदेश में, कांगड़ा जिले की बोह घाटी में भूस्खलन के बाद बचाव अभियान जारी है, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और नौ अन्य के अभी मलबे के नीचे फंसे होने की आशंका है.
एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम ने सोमवार को चार लोगों को बचाया और अन्य लोगों को मलबे से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. भारी बारिश ने पहाड़ी राज्य में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है और कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है.
हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में सोमवार को भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में कई कारें और दो इमारतें बह गईं. इस घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
खराब मौसम के कारण गग्गल में कांगड़ा हवाई अड्डे को बंद करना पड़ा. इस इलाके में अचानक आई बाढ़ ने कई इमारतों को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें एक सरकारी स्कूल भी शामिल है.
जिला प्रशासन ने भारी बारिश के मद्देनजर पर्यटकों को अपनी यात्रा स्थगित करने का निर्देश दिया. बारिश के कारण मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर यातायात भी बाधित हो गया.
दक्षिण-पश्चिम मानसून आखिरकार मंगलवार की सुबह दिल्ली पहुंच गया, जिससे भीषण गर्मी से लोगों को कुछ राहत मिली. पिछले 19 सालों में मानसून इस बार दो सप्ताह से अधिक देरी से दिल्ली पहुंचा है. बारिश के कारण शहर के कुछ हिस्सों में जलभराव हो गया और यातायात जाम की स्थिति पैदा हो गई. धौला कुआं में भारी यातायात जाम था.