किसान नेता राकेश टिकैत ने किया विपक्ष पर जमकर वार
कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान नेता राकेश टिकैत बुधवार को बरेली के बहेड़ी में स्थित गत्ता फैक्ट्री पहुंचे. जहां पर उन्होंने एक किसान सभा को सम्बोधित किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत सरकार पूंजीपतियों की सरकार है.
अगर राजनीतिक पार्टी की होती तो अब तक हमारा धरना प्रदर्शन चलता नहीं, बल्कि बातचीत के जरिये खत्म हो चुका होता. राकेश टिकैत यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की वजह से आज देश बर्बादी की कगार पर खड़ा है.
उन्होंने कहा कि हम किसान आठ महीने से धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार बात करने को तैयार नहीं है. जब देश की आज़ादी की लड़ाई में 90 साल लगे थे, तो हमारे आंदोलन को अभी आठ महीने ही हुए हैं
और हमने भी सरकार से कह रखा है कि जब तक तीनों काले कानून वापस नहीं लेते हैं, तब तक हम किसान घर वापस नहीं जाएंगे. आंदोलन चाहे 30 या 35 साल तक चले, हम किसान अगली पीढ़ी को भी तैयार कर रहे हैं.
राकेश टिकैत ने सरकार के साथ विपक्ष को भी जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि जब किसान आंदोलन के लिए हमने विपक्षी पार्टी से समर्थन के लिए चिठ्ठी लिखी तो कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने किसानों से अपील की है कि 22 तारीख से दिल्ली में सांसद भवन का घेराव करेंगे.
अब 200 किसानों को टीम बनाकर दिल्ली परिवहन की बसों से रोज सांसद भवन का घेराव किया करेंगे. राकेश टिकैत ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने देश को बर्बादी पर लाकर खड़ा कर दिया.
जितनी भी सरकारी कंपनी थी उन्हें बेच डाला और देश को पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखवा रहे हैं. यदि ऐसा हो गया तो देश का अनाज गोदामों में बंद होगा और रोटी तिजोरी में बंद होगी.
लेकिन हम किसान ऐसा नहीं होने देंगे अगले महीने के 15 तारीख को मुज़फ्फरनगर में एक बड़ी पंचायत है, जिसमे सरकार से बैठक को लेकर बात होगी। यदि सरकार कृषि बिल कानून वापस ले लेती है तो हम आंदोलन खत्म कर देंगे. यदि हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो हमारा आंदोलन और बड़ा हो जाएगा.
वही मीडिया पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि मीडिया अपना काम सही से नहीं कर रहा है. यदि मीडिया आठ दिन तक सही से कवरेज करके ख़बरें दिखा दे तो देश की जनता आठ दिन के बाद केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकेगी.