ईद-अल-अजहा के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी बधाई
देशभर में आज धूमधाम से ईद-अल-अजहा या बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है. इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई दी है.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यह समावेशी समाज में एकता और भाईचारे के लिए मिलकर कार्य करने का त्योहार है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कामना करते हुए कहा कि यह दिन सामूहिक सहानुभूति, सद्भाव और अधिक से अधिक अच्छे की सेवा में समावेश की भावना को आगे बढ़ाए.
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया सभी देशवासियों को ईद मुबारक! ईद-उज़-ज़ुहा प्रेम, त्याग और बलिदान की भावना के प्रति आदर व्यक्त करने और समावेशी समाज में एकता और
Eid Mubarak to all fellow citizens. Eid-uz-Zuha is a festival to express regard for the spirit of love and sacrifice, and to work together for unity and fraternity in an inclusive society. Let us resolve to follow COVID-19 guidelines and work for happiness of all.
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 21, 2021
भाईचारे के लिए मिलकर कार्य करने का त्योहार है. आइए, हम कोविड-19 से बचाव के उपाय अपनाते हुए समाज के हर वर्ग की खुशहाली के लिए काम करने का संकल्प लें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया ईद मुबारक! ईद-उल-अधा की हार्दिक शुभकामनाएं. यह दिन सामूहिक सहानुभूति, सद्भाव और अधिक से अधिक अच्छे की सेवा में समावेश की भावना को आगे बढ़ाए
बकरीद के त्योहार को कुर्बानी के दिन के रूप में भी याद किया जाता है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान के दो महीने बाद कुर्बानी का त्योहार बकरीद आता है. हमारे देश के अलावा किसी भी और जगह पर ईद-अल-अजहा को बकरीद नहीं कहा जाता है.
Eid Mubarak!
— Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2021
Best wishes on Eid-ul-Adha. May this day further the spirit of collective empathy, harmony and inclusivity in the service of greater good.
आज के दिन आमतौर पर बकरे की कुर्बानी दी जाती है, इसलिए हमारे देश में इसे बकरीद भी कहते हैं. आज के दिन बकरे को अल्लाह के लिए कुर्बान कर दिया जाता हैं. इस धार्मिक प्रक्रिया को फर्ज-ए-कुर्बान कहा जाता है.
इस खास मौके पर ईदगाहों और प्रमुख मस्जिदों में ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 6 बजे से लेकर 10.30 बजे तक अदा करने की तैयारी है. बता दें कि बीते साल कोरोना संक्रमण की भयावयता की वजह से लोगों को घर से ही नमाज अदा करनी पड़ी थी.