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गांधी जयंती : ये स्कूल है खास, यहां का हर बच्चा गांधी टोपी लगाकर आता है

सवा सौ साल पुराना एक स्कूल आज भी अपने छात्रों को गांधी जी विचारों पर चलने की सीख दे रहा है, यहां का हर विद्यार्थी आज भी गांधी टोपी लगा कर आता है। 71 साल पहले आजादी के बाद से शुरू हुआ यह सिलसिला आज भी कायम है।

छीपाबड़ इलाके में स्थित शासकीय प्राथमिक-माध्यमिक उत्तर बुनियादी स्कूल सवा सौ साल पुराना है, इसकी स्थापना 1892 में हुई थी। यह स्कूल एसबीएस स्कूल के नाम से जाना जाता है। स्कूल में 1 जनवरी 1892 से लेकर आज तक के पूरे रिकार्ड को भी संजो कर रखे गए हैं। आजादी के बाद इस स्कूल में विद्यार्थियों को चरखे से सूत कातना भी सिखाया जाता था। यह काम 1967 तक तो होता रहा।

स्कूल से निकली अनेक प्रतिभा

शैक्षणिक गुणवत्ता के मामले में भी यह स्कूल पीछे नहीं रहा। यहां अध्ययन करने वालों छात्रों में चिकित्सक डॉक्टर संतोष सोनी, डॉक्टर रमेश कोठारी, ख्यातिनाम वकील एचएन शारदा, इंजीनियर आत्माराम सोनी, श्रीनिवास कोठारी, सफलतम व्यवसायियों में रामगोपाल मूंदड़ा सहित अनेक शख्सियत शामिल हैं।

मजबूरी नहीं जुनून है टोपी लगाना

स्कूल आज भी गांधी टोपी वाले स्कूल के नाम से जाना जाता है। स्कूल के पुराने छात्र रमेशचंद्र नागड़ा बताते हैं गांधी टोपी लगाना यहां कभी भी मजबूरी नहीं रही, एक जुनून हुआ करता था। वर्तमान में कक्षा छठवीं के छात्र अनिल मीणा का कहना है कि टोपी पहनने में कोई झिझक नहीं होती। स्कूल में फिलहाल 184 छात्र व 8 शिक्षक है

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