घर वापसीः बागपत में मुस्लिम परिवार के 13 लोग हिंदू धर्म में शामिल
पुलिस से न्याय नहीं मिला और बिरादरी के लोग भी बुरे वक्त में साथ नहीं खड़े हुए। इससे व्यथित होकर धर्म परिवर्तन के सिवा कोई रास्ता नहीं दिखा। कुछ यही कारण बताते हुए बदरखा गांव के मुस्लिम परिवार के 13 लोगों ने मंगलवार को इस्लाम छोड़ हिंदू धर्म अपना लिया। पुरुषों ने गांव के शिव मंदिर में आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया। हवन में आहूति दी और जय श्रीराम व बजरंगबली के जयकारे लगाए। महिलाओं ने यह प्रक्रिया घर पर ही पूरी की। धर्म परिवर्तन के बाद सभी ने अपने नाम भी बदल लिए।
यह था मामला
परिवार के मुखिया अख्तर ने बताया कि गत 28 फरवरी को वह बदरखा छोड़कर निवाड़ा गांव की खुब्बीपुरा बस्ती में मकान खरीदकर पूरे परिवार के साथ रहने लगे थे। वहां 22 जुलाई को उनके छोटे बेटे गुलहसन का शव दुकान में लटका मिला था। उनका कहना है कि पिटाई कर बेटे की हत्या की गई लेकिन इसे आत्महत्या का रूप दे दिया। उन्होंने बागपत नगर कोतवाली में हत्या की तहरीर दी, लेकिन पुलिस आरोपितों से मिल गई, जिससे न्याय नहीं मिल सका। पुलिस ने इसे हत्या की बजाय आत्महत्या करार दे दिया।
न्याय नहीं मिला तो बना लिया मन
नाम परिवर्तन कर अब धर्म सिंह बन चुके अख्तर ने बताया कि पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी और मुस्लिम समाज के लोग आरोपितों के पक्ष में खड़े हो गए। इससे परेशान होकर उसने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म ग्रहण करने की ठान ली। सोमवार को पहले परिवार के 20 लोगों ने तहसील में शपथ पत्र देकर हिंदू धर्म स्वीकार करने की जानकारी दी। परिवार के सात लोगों ने हिंदू धर्म स्वीकार करने से मना कर दिया।
मंदिर में हुआ कार्यक्रम
मंगलवार को बदरखा गांव के शिव मंदिर में सैकड़ों लोग एकत्र हुए। मुस्लिम परिवार के पुरुष मंदिर में पहुंचे, जबकि महिलाएं घर पर ही रहीं। पंडित राजीव कौशिक ने सभी पर गंगाजल छिड़का। इसके बाद सभी ने हवन में आहूति डालीं और जय श्री राम व बजरंग बली के जयकारे लगाते हुए हिंदू धर्म अपना लिया।
इन लोगों ने किया धर्म परिवर्तन
परिवार के मुखिया (65) अख्तर अली ने धर्म सिंह, उनकी पत्नी (62) नफीसा ने निशा, बेटे (34) दिलशाद ने दिलेर सिंह, पुत्रवधू (30) मंसू ने मंजू, पौत्र (11) अनस ने अमर सिंह, पौत्री (8) शाइस्ता ने सीमा, पौत्री (6) शना ने सोनिया, पौत्री (3) सारिका ने सारिका, पौत्री (1) जोया ने ज्योति, दूसरे बेटे (29) नौशाद ने नरेंद्र सिंह, पुत्रवधू (26) रुकैया ने रूबी, पौत्र (7) नाहिद हसन ने विशाल, तीसरे बेटे (26) इरशाद ने कवि नाम रख लिया है। इरशाद की पत्नी ने धर्म परिवर्तन करने से इन्कार कर दिया और मायके चली गई। उनके चौथे बेटे जाकिर और उसके परिवार ने भी धर्म परिवर्तन करने से मना कर दिया। जाकिर परिवार से अलग रहता है
ये रहे मौजूद
युवा हिंदू वाहिनी-भारत के प्रदेश अध्यक्ष शौकेंद्र खोखर और जिलाध्यक्ष योगेंद्र तोमर आदि मौजूद रहे। धर्म परिवर्तन के समय मंदिर में ग्राम प्रधान राजकुमार, मनोज शर्मा, नरेंद्र पांडे, ओपी ओझा, देवेंद्र, डॉ. तेजेंद्र खोखर, शेखर, सूरज, प्रभात पहलवान, सौरव कुमार, सुमित वर्मा, शोभित त्यागी व डीपी गुर्जर आदि मौजूद थे। इस दौरान मंदिर और आसपास पुलिस नहीं दिखी।