रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति की समीक्षा के दौरान रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है तो रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बना हुआ है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से इकोनॉमी उबर रही है. सप्लाई और डिमांड का बैलेंस बिगड़ गया है जिसे धीरे-धीरे पटरी पर लाया जा रहा है.
MPC के सभी मेंबर्स की सर्वसम्मति से दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. आरबीआई का कहना है कि वैक्सिनैसन और पॉलिसी सपोर्ट, एक्सपोर्ट में सुधार से इकोनॉमी में सुधार होगा.
लेकिन आरबीआई ने महंगाई के मोर्चे पर चिंता जाहिर की है. साथ में आरबीआई ने जीडीपी के ग्रोथ अनुमान के बारे में कहा कि यह 9.5 फीसदी पर बरकरार रहेगा. केंद्रीय बैंक ने यह भी बताया कि हाई फ्रिक्वेंसी इंडिकेटर, निवेश और एक्सटरनल डिमांड सभी में सुधार के संकेत दिख रहे हैं.
आरबीआई ने रूरल डिमांड पर जोर देते हुए कहा कि इससे खपत बढ़ेगी. इसके अलावा अर्बन डिमाड में भी धीरे-धीरे सुधार होगा. कंपनियों के नतीजों से संकेत मिल रहे हैं
कि कंपनियों का मुनाफा ठीक रहा है. IT सेक्टर से सबसे ज्यादा सपोर्ट मिला है. आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि कोरोना के तीसरी लहर से चौकन्ना रहने की जरूरत है.
केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 9.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. लेकिन, अलग-अलग तिमाही के लिए इस अनुमान में बदलाव किया गया है. जून तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 18.5 फीसदी के मुकाबले बढ़ाकर 21.4 फीसदी कर दिया गया है.
सितंबर तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 7.9 फीसदी के मुकाबले घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है. दिसंबर तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 7.2 फीसदी के मुकाबले घटाकर 6.3 फीसदी और चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2022) के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.6 फीसदी के मुकाबले घटाकर 6.1 फीसदी किया गया है. यह ग्रोथ रेट सालाना आधार पर है.
Reserve Bank of India keeps repo rate unchanged at 4%, maintains accommodative stance pic.twitter.com/fAhHBio4OR
— ANI (@ANI) August 6, 2021
आरबीआई गवर्नर ने आर्थिक सुधार के बारे में बात करते हुए कहा कि यह मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के अनुरूप रहा है. कुछ समय के लिए छोड़ दें तो मॉनसून अच्छा रहा है.
महंगाई की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मई में रिटेल महंगाई दर 6 फीसदी के अपर बैंड के ऊपर है. हालांकि प्राइस मोमेंटम मॉडरेटेड था. मांग में भी धीरे-धीरे सुधार हो रहा है लेकिन इससे संबंधित हालात में बहुत ज्यादा सुधार नहीं दिख रहा है.
ऐसे में हमारी पूरी कोशिश डिमांड और सप्लाई के चेन को ज्यादा मजबूत और एफिशिएंट बनाने की है. शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार से वित्तीय बाजारों को भी फायदा हुआ है.