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आज से शुरू हो रहा है मुहर्रम का पाक महीना

नए इस्लामी साल की शुरुआत मुहर्रम से होती है. मुहर्रम का महीना इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है. यह महीना बेहद ख़ास माना जाता है. इस साल अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक मुहर्रम का महीना 10 अगस्त से शुरू होगा. इस महीने के 10वें दिन आशूरा होता है.

इसी दिन मुहर्रम मनाया जाता है. यह इस्लाम मजहब का प्रमुख महीना है. इस बार यह 19 अगस्त, 2021 को मनाया जाएगा. इस दौरान दुनिया भर में कर्बला के शहीदों की याद में सभाएं और जुलूस निकाले जाते हैं.

मुहर्रम अंतिम पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब के पोते इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है. दुनिया भर में मुसलमान मुहर्रम की 9 और 10 तारीख को रोज़ा रखते हैं और मस्जिदों, घरों में इबादत करते हैं.

इस दिन मस्जिदों में हज़रत इमाम हुसैन की शहादत पर विशेष तकरीरें होती हैं. इस पर्व को शिया और सुन्नी दोनों मुस्लिम समुदाय के लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. मुहर्रम किसी त्योहार या खुशी का महीना नहीं है.

यह बेहद गम भरा महीना है. आज से लगभग 1400 साल पहले इसी महीने में बातिल यानी झूठ और अन्‍याय के विरुद्ध इंसाफ की जंग लड़ी गई थी. इस पवित्र महीने में इसी जंग को और इसमें शहीद होने वालों को याद किया जाता है.

इस तरह मुहर्रम मातम और गम का दिन है. मुहर्रम अंतिम पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब के पोते इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत की याद में मनाया जाता है.

इस मौके पर ताजिया और जुलूस निकाले जाने की परंपरा है. मुहर्रम, जिसका अर्थ है हराम यानी निषिद्ध. इस महीने का नाम मुहर्रम रखने का कारण यह है कि इस महीने में युद्ध करना हराम माना जाता है, यानी मना है.

इसके अलावा इस अवसर पर शहादत का जिक्र ताजा किया जाता है और तकरीरें की जाती हैं. इस तरह मुसलमान शहादत के वाकिये को याद करते हैं और घरों, मस्जिदों में इबादत की जाती है. मुहर्रम में खिचड़ा बनने की भी परंपरा है. साथ ही शर्बत, हलवा और फल आदि गरीबों में बांटे जाते हैं. लंगर होते हैं और जुलूस निकाले जाते हैं.

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