मध्य प्रदेश : इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध में हजारों बिजली कर्मी की हड़ताल
केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के विरोध में मंगलवार को मध्य प्रदेश के हजारों बिजली कर्मी हड़ताल पर हैं. इसके कारण बिजली संबंधी कामकाज पूरी तरह से ठप्प हो सकता है.
विद्युत वितरण कंपनियों में काम करने वाले तमाम कर्मचारी और अधिकारी 1 दिन काम का बहिष्कार करने का फैसला किया है. यूनाइटेड फोरम के बैनर तले होने वाले इस एक दिन के हड़ताल का
उद्देश्य सरकार तक अपनी 20 सूत्रीय मांगों को पहुंचाना है. कर्मचारियों की हड़ताल से मध्य प्रदेश अंधेरे में भी डूब सकता है. इससे आमलोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारी नेताओं का कहना है कि पिछले 15 साल से वह लगातार अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन और सरकार के प्रतिनिधियों से मिलते आ रहे हैं. इसके बावजूद सरकार उनकी मांगों पर महज आश्वासन ही देती आ रही है.
बीते फरवरी में कर्मचारियों का दल सरकार से मिला था, जिसमें सरकार ने आश्वासन दिया था कि 15 जुलाई तक उनकी मांगों का निराकरण कर लिया जाएगा, लेकिन अभी तक कोई निराकरण नहीं निकल पाया है.
हड़ताली कर्मचारियों का कहना है हमारा 2021 विद्युत अमेंडमेंट बिल को लेकर विरोध रहेगा. साथ ही पेंशन फंड नीति को लेकर भी कर्मचारी नाराज हैं. इसके अलावा कई वर्षों से नई भर्ती नहीं होने के कारण कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
20 सूत्रीय मांग में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की बात भी शामिल है. इन्हें लेकर मंगलवार को विद्युत वितरण कंपनी के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी एंप्लॉयज़ एंड इंजीनियर के आह्वान पर यूनाइटेड फोरम के तत्वाधान में एमपी में भी सभी बिजली अधिकारी, कर्मचारी हड़ताल कर विरोध विरोध जताएंगे.