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हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण पर लगाई गई रोक को लेकर 1 सितंबर को होगी सुनवाई

हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा है. जबलपुर हाईकोर्ट में आज इस मसले पर अहम सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकार और याचिकाकर्ताओं की ओर से अपने-अपने तर्क रखे गए जिसके बाद हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 1 सितंबर तय कर दी है.

ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण कितना सही कितना गलत. इस पर हाईकोर्ट में तर्क वितर्क का दौर चला. हाई कोर्ट में सरकार की ओर से कहा गया है कि मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग की संख्या अन्य वर्गों की अपेक्षा अधिक है.

लिहाजा ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक राज्य में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं रखा जा सकता. लिहाजा राज्य सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को दिया गया 27 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं किया जा सकता है.

इस मामले पर हाईकोर्ट ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा है. साथ ही अंतरिम आदेश देने से भी इंकार कर दिया है. इसके पूर्व 13 जुलाई को हुई सुनवाई में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एमपीपीएससी

और राज्य सरकार को कोविड-19 की स्थितियों को देखते हुए मेडिकल ऑफिसर्स की नियुक्ति के लिए हरी झंडी दी थी. स्पष्ट किया था कि नियुक्ति प्रक्रिया में ओबीसी वर्ग को 14 फ़ीसदी आरक्षण ही दिया जाना चाहिए.

मंगलवार को इस मसले पर विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ और 4 दिन का विधानसभा सत्र डेढ़ दिन में ही खत्म कर दिया गया. जो भी हो ओबीसी वर्ग को 27 फ़ीसदी आरक्षण का मसला शुद्ध सियासी रूप ले चुका है. बहरहाल मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अब इस मामले में 1 सितंबर को अंतिम सुनवाई होनी है.

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