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अमेरिका व ब्रिटेन में बच्चों में कोरोना के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई भारत की चिंता

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का खतरा कम नहीं हुआ है, तीसरी लहर में सबसे ज्यादा असर बच्चों पर होगा, इसके संकेत भी नजर आने लगे हैं. कई देशों में संक्रमण के मामले सामने आने लगे हैं.

बच्चे को कई दिन तक तेज बुखार, पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी, त्वचा पर चकत्ते लाल आंखें व हाथ-पैर का ठंडा होने जैसे लक्षण दिखायी देते हैं. अमेरिका व ब्रिटेन में बच्चों में संक्रमण के बढ़ते मामलों ने भारत के लिए चिंता बढ़ा दी है. इन दोनों देशों में कई जगहों पर मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देश में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. यहां कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर की तुलना में बच्चों के संक्रमण का मामला काफी ज्यादा बढ़ गया है.

अलबामा, अरकंसास, लुसियाना व फ्लोरिडा में बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है. अरकंसास के चिल्ड्रेन अस्पताल में संक्रमित बच्चों की संख्या दर में 50 फीसदी की वृद्धि देखी गयी है.

संक्रमण के जो मामले बढ़े हैं उसमें सबसे ज्यादा लुसियाना में जुलाई के आखिरी सप्ताह में सर्वाधिक 4232 बच्चों में संक्रमण मिला है. ब्रिटेन में हर दिन औसतन 40 बच्चे अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. वहीं फ्लोरिडा के स्वास्थ्य विभाग ने बताया है कि 12 वर्ष से कम उम्र के 10,785 मामले सामने आए थे.

भारत में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को सबसे खतनाक इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि दुनिया भर में जो ट्रेंड सामने आ रहे हैं वह बच्चों के संक्रमण के बढ़ते मामलों की तरफ इशारा कर रहे हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के बाल रोग विशेषज्ञ प्रो. एडम फिन्न बताते हैं कि बच्चों में कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है. वैसे बच्चों में संक्रमण का खतरा ज्यादा है जिन्हें मधुमेह है या मोटे हैं.

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