लखनऊ : शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद ने सरकार की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की
मंगलवार की चांद रात से ही घरों में ताजिया स्थापना के लिए खरीदारी भी शुरू हो गई। इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि बुधवार को मुहर्रम की पहली तारीख होगी।
वरिष्ठ शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने सरकार की गाइड लाइन का पालन करने और 50 से अधिक लोगों को एक साथ न एकत्र होने की अपील की है। 68 दिनों तक गम के इस महीने में मजलिसों का दौर चलेगा। कोरोना संक्रमण के चलते कोई जुलूस नहीं निकलेगा।
पुराने लखनऊ में मंगलवार को ही गम का माहौल दिखने लगा। हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम सहित कर्बला के 72 शहीदों की शहादत के गम में शियों की आंखों से जार-ओ-कतार आंसू जारी हो गए।
पुराने शहर के शिया बाहुलय क्षेत्रों में या हुसैन… या हुसैन… की सदाएं गूंजने लगी हैं। शियों ने कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए रंग-बिरंगे कपड़े उतार कर काले कपड़े पहन लिए हैं। महिलाओं ने सुहाग की निशानी उतार कर काले लिबास पहन लिए।
तर्बरुक, हार-फूल, अलम के लिए फूल के सेहरे, इमामबाड़े के लिए फूलों के पटके और ताबूत के लिए फूलों की चादरों की भी खरीदारी शुरू हो गई। हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके 72 साथियों की याद में पहली मोहर्रम (बुधवार) को आसिफी इमामबाड़े से शाही जरीह का जुलूस कोरोना वायरस को देखते हुए नहीं निकाला जाएगा।
जुलूस में 22 फिट की मोम की और 17 फिट ऊंची अभ्रक की जरीह मुख्य आकर्षण का केंद्र होती थीं। यह खूबसूरत जरीह बड़े इमामबाड़े से छोटे इमामबाड़े तक हजारों अकीदत मंदों के साथ जाती थी। संक्रमण के चलते शाही जरीह के जुलूस को स्थगित कर दिया गया है।