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उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से मचा हाहाकार इन जिलों के 600 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में

उत्तर प्रदेश में भारी बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण कई नदियां उफान पर हैं. यूपी के 20 जिलों के 600 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. राहत आयुक्त कार्यालय से बुधवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के हमीरपुर

बांदा, इटावा, जालौन, वाराणसी, कौशांबी, चंदौली, हाजीपुर, औरैया, कानपुर देहात, प्रयागराज, फर्रुखाबाद, आगरा, बलिया, मिर्जापुर, गोरखपुर, सीतापुर, मऊ, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, बहराइच, गोंडा, कानपुर नगर और फतेहपुर के 605 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.

हमीरपुर के सबसे ज्यादा 75 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इसके अलावा, बांदा के 71 तथा इटावा और जालौन के 67-67 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है. प्रदेश के बाढ़ प्रभावित 110 गांवों का संपर्क अन्य क्षेत्रों से कट गया है.

केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारी वर्षा के कारण गंगा, यमुना, शारदा, बेतवा तथा क्वानो नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. गंगा नदी कचला ब्रिज (बदायूं), फाफामऊ (प्रयागराज),

प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर तथा बलिया में खतरे के निशान को पार कर गई है और बलिया को छोड़कर बाकी स्थानों पर इसका जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

साथ ही यमुना नदी औरैया, जालौन, हमीरपुर, चिल्ला घाट, बांदा तथा नैनी (प्रयागराज) में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बेतवा नदी सहिजना (हमीरपुर) में, शारदा नदी पलिया कलां (लखीमपुर खीरी) में और कुआनो नदी चंद्रदीप घाट (गोंडा) में लाल निशान को पार कर गई है.

राहत आयुक्त कार्यालय के मुताबिक, प्रदेश में 940 राहत कैंप लगाए गए हैं. बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाने तथा राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कुल 1463 नाव का इस्तेमाल किया जा रहा है.

इसके अलावा बाढ़ की स्थिति पर नजर रखने के लिए 1125 चौकियां स्थापित की गई हैं. अब तक 536 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं, बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), एसडीआरएफ और पीएसी की कुल 59 टीमें तैनात की गई हैं.

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