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स्वतंत्र देव सिंह ने भ्रष्टाचार के मामले में समाजवादी पार्टी पर साधा निशाना

भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने भ्रष्टाचार के मामले में समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सपा के शासनकाल में सभी भर्तियों के लिए ‘सैफई खानदान’ की ओर से सूची आती है और रेट तय रहता है.

सिंह ने दावा किया कि योगी सरकार के अभी तक के कार्यकाल में चार लाख से अधिक नियुक्तियां हुईं हैं जिसमें एक रुपये का भी भ्रष्टाचार नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री आवास से कोई सूची नहीं आई.

स्वतंत्र देव सिंह ने चिकित्सा शिक्षा में आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र सरकार को बधाई देते हुए कहा, ”मेडिकल के क्षेत्र में पिछड़ों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है. इससे दलित, शोषित तबके के पिछड़े लोग इसका लाभ पाएंगे.”

प्रयागराज में पार्टी कार्यालय में जिले के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ समीक्षा बैठक के बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने बताया कि इन बैठकों का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाएं किस तरह निचले तबकों तक पहुंचे, इस दिशा में कार्यकर्ताओं को लगाना है.

इसके अलावा, बूथ के सत्यापन के लिए कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की जा रही है. उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और संगठन के कार्यकर्ता सभी लोग राहत और बचाव कार्यों में लगे हैं.

वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को समाजवादी पार्टी पर आरक्षण को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि वह उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विभिन्न जातियों के बीच डर पैदा करने की राजनीति कर रही है.

राज्यसभा में राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों की पहचान करने और उसकी सूची बनाने का अधिकार देने वाले 127वें संविधान संशोधन विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधान ने यह बात कही.

दरअसल, इसी विधेयक पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने आशंका जताई कि जब यह विधेयक कानून बन जाएगा तो उत्तर प्रदेश सरकार मौजूदा ओबीसी जातियों में से यादव, कुर्मी और गुर्जर को बाहर कर देगी.

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