बिहार के इन जिलों में बाढ़ से बिगड़े हालात
बिहार के 15 जिलों में बाढ़ की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. गंगा नदी में जलस्तर वृद्धि लगातार जारी है जबकि दूसरी प्रमुख नदियां कोसी, गंडक, बागमती और कमला बलान सहित उत्तर बिहार की कई नदियों में फिर से उफान है.
अधवारा समूह की नदियों में भी जलस्तर काफी बढ़ गई है. अधिकतर नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं ऐसे में लगभग आधे बिहार में जलप्रलय जैसी स्थिति है.
दूसरी ओर मौसम विभाग ने 11 जिलों में 15 अगस्त तक भारी बारिश की चेतावनी दी है, ऐसे में आशंका है कि आने वाले समय में बाढ़ से हालात और बिगड़ेंगे.
पटना के अलावा जहानाबाद, नालंदा, भागलपुर, कटिहार, समस्तीपुर, सीतामढ़ी मुजफ्फरपुर, दरभंगा और मुंगेर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. पटना जिले में गंगा लगातार उफान पर है और इस कारण आठ प्रखंडों की 37 पंचायतों की पांच लाख की आबादी प्रभावित है.
सबसे खराब स्थिति 14 दियारा क्षेत्रों की है. यहां से लोगों का पलायन हो रहा है. सबसे ज्यादा फतुहां की आठ पंचायतों मोजीपुर, जेठुली, जैतिया, मानसिंगपुर, मसाढ़ी, मोमिनपुर,डुमरी
और रूकुनपुर की दो लाख आबादी गंगा में आई बाढ़ में घिरी हुई है. बाढ़ के अथमलगोला के रामनगर दियारा और रामनगर करारी कछार में 18 हजार लोग अभी पानी से घिरे हैं.
बख्तियारपुर में पांच पंचयातों हरदासपुर दियारा, कालादियारा, चिरैंया, रूपस महाजी, सतभैया रामनगर की 50 हजार की आबादी पानी से घिरी है. मनेर के दियारा इलाके के छह पंचायतों मानस, पतलापुर, गंगहारा, हेतनपुर,
पुरानीपानापुर और कासीमचक में हालात बेहद बुरे हैं. खुसरूपुर में करीब 20 हजार लोग प्रभावित हैं पुनपुन में भी चार पंचायतों की 20 हजार आबादी प्रभावित है. इसके साथ पटना सदर में दियारा इलाके में करीब 42 हजार आबादी प्रभावित है.
पटना के घाटों पर अभी भी खतरनाक स्थिति बनी हुई है. दीघा से लेकर कंगन घाट तक पूरी तरह डूब चुके हैं. प्रशासन ने लोगों को गंगा घाट पर आने की मनाही की है, लेकिन पटना कॉलेज घाट जो पूरी तरह गंगा में डूब गया है.
दीघा घाट पर पटना प्रशासन की तरफ से लगातार 10 पंप चलाए जा रहे थे लेकिन गंगा में जलस्तर बढ़ने के बाद दीघा घाट के बगल के घर डूबने लगे तब लोगों ने 5 इलेक्ट्रिक पंप को जबरन बंद करवा दिया है.
बाढ़ के कारण काफी संख्या में विस्थापित हुए लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था की गई है. कम्युनिटी किचन में लोगों को दोनों टाइम चावल दाल और सब्जी दी जा रही है.