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मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ दर्दनाक क्रेन हादसा

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में शनिवार सुबह हुए दर्दनाक क्रेन हादसे में बड़ा खुलासा हुआ है. हादसे में नगर निगम के अफसरों की गंभीर लापरवाही सामने आई है. हादसे की वजह हाइड्रॉलिक मशीन को ट्रैक्टर ड्राइवर चला रहा था.

उसकी नासमझी की वजह से हादसा हुआ और तीन लोगों की जान चली गई. इसके लिए जिम्मेदार फायर ऑफिसर और ट्रैक्टर ड्राइवर के खिलाफ गैर इरादत हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है. कोतवाली पुलिस ने एक सहायक उपनिरीक्षक की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया.

गौरतलब है कि शनिवार सुबह महाराजबाड़ा स्थित पोस्ट आफिस बिल्डिंग पर झंडा लगाते समय फायर ब्रिगेड की हाइड्रॉलिक मशीन की क्रेन टूटने से निगम अमले के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई थी और 2 कर्मचारी घायल हो गए थे.

क्रेन टूटने की घटना का एक लाइव वीडियो भी सामने आया. बता दें, स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर शहर की ऐतिहासिक इमारतों पर झंडा लगाने की परंपरा है. इसी परंपरा के तहत झंडे लगाने के लिए नगर निगम के फायर ऑफिसर उमंग प्रधान ने बड़ी इमारतों में लगी

आग बुझाने के लिए काम आने वाली फायर अमले की हाइड्रॉलिक मशीन को भेजा. प्रधान ने इस मशीन को ऑपरेट करने वाले ट्रैक्निकल ट्रेंड ड्राइवर की बजाए ट्रैक्टर चलाने वाले ड्राइवर को भेज दिया और बड़ा हादसा हो गया. हाइड्रॉलिक मशीन का संतुलन बिगड़ा और क्रेन टूट गई. क्रेन के प्लेटफार्म पर सवार पांच निगमकर्मी नीचे आ गिरे.

शनिवार सुबह हुए इस हादसे के बाद पुलिस ने प्रारंभिक तौर पर जांच की. जांच में फायर ऑफिसर की गंभीर लापरवाही सामने आई. इसके बाद कोतवाली थाना के सहायक उप निरीक्षक गजेंद्र सिंह ने इस मामले में थाने में शिकायत की.

कोतवाली थाने में सहायक उप निरीक्षक गजेंद्र सिंह की रिपोर्ट पर फायर ऑफिसर उमंग प्रधान और हाईड्रोलिक मशीन चला रहे ट्रैक्टर ड्राइवर धर्मेंद्र वर्मा के खिलाफ धारा 304 के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया.

वहीं, घटना में लापरवाही उजागर होने के बाद फायर ऑफिसर उमंग प्रधान को निलंबित कर दिया गया. नगर निगम के प्रभारी आयुक्त मुकुल गुप्ता ने उमंग प्रधान के निलंबन का आदेश जारी किया.

इस मामले की जानकारी मिलते ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताया. ग्वालियर में मौजूद प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट भी मौके पर पहुंच गए थे. इस दौरान निगम कर्मचारी नेता ने मंत्री से बात करते हुए निगम अफसरों पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए थे.

कर्मचारी नेता का कहना है कि निगम अफसरों ने झंडा लगाने की प्रक्रिया गलत तरीके से हाइड्रोलिक से की है. हाइड्रोलिक मशीन पर अनट्रेंड कर्मचारियों को झंडा लगाने भेजा था. जिसके चलते हादसा हुआ है. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की.

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