LIVE TVMain Slideदेशधर्म/अध्यात्म

आज पुत्रदा एकादशी जाने इसका क्या है महत्व और पूजा विधि

एकादशी को हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. एकादशी तिथि हर महीने में दो बार होती है. सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं.

इस बार सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत आज है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधि पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यता है कि पुत्रदा एकादशी व्रत रखने व पूजा करने से भगवान विष्णु अपने भक्तों को संतान प्राप्ति का वरदान देते हैं.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखने वालों के सभी कष्ट दूर होते हैं और अंत में मोक्ष की प्राप्त होती है. आइए जानते हैं पुत्रदा एकदशी व्रत के नियम और पूजा विधि.

पुत्रदा एकादशी व्रत प्रारंभ- 18 अगस्त 2021 (बुधवार) रात 3 बजकर 20 मिनट से
पुत्रदा एकादशी व्रत समापन- 19 अगस्त 2021 (गुरुवार) रात 1 बजकर 5 मिनट तक
पुत्रदा एकादशी पारण का समय- 19 अगस्त 2021 (गुरुवार) सुबह 6 बजकर 32 मिनट से सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक

मान्यता है कि दान-पुण्य करने से और कठोर तपस्या करने से जो फल मिलता है, उतना फल पुत्रदा एकादशी व्रत से प्राप्त होता है. कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से वैवाहिक जीवन सुखद होता है.

भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. एकादशी के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि एकादशी के दिन जरूरतमंद को भोजन और कपड़े दान करने से भगवान विष्णु खुश होते हैं.

राहुकाल- दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक.
यमगंड- सुबह 7 बजकर 30 मिनट से सुबह 9 बजे तक.
गुलिक काल- सुबह 10 बजकर 30 मिनट से दोपहर 12 बजे तक.
दुर्मुहूर्त काल- दोपहर 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक.
वर्ज्य काल- सुबह 9 बजकर 6 मिनट से सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक.
भद्रा- दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से मध्‍यरात्रि 1 बजकर 5 मिनट तक.

पुत्रदा एकादशी व्रत के दिन सुबह सूर्योदय के पूर्व स्नान कर घर के मंदिर में जाकर व्रत का संकल्प लें. अब पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा व आरती करें. इसके बाद भगवान विष्णु को पीला फल, पीले पुष्प, पंचामृत, तुलसी अर्पित करें. धूप-दीप जलाकर आरती करें

और भगवान से संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें. ध्यान रहे संतान प्राप्ति केलिए यह व्रत पति-पत्नी दोनों एक साथ रखें और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करें. भगवान कृष्ण को पंचामृत बहुत पंसद है इसलिए इस दिन इसका भोग लगाना शुभ माना जाता है

Related Articles

Back to top button