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संभावनाओं को अवसर बना उत्तराखंड की तकदीर बदलने की कोशिश

अलग राज्य बनने के बाद पहली बार इन्वेस्टर्स समिट की मेजबानी करने जा रहे उत्तराखंड को इस आयोजन से बहुत अधिक उम्मीदें हैं। शुरुआत में 40 हजार करोड़ के निवेश की उम्मीद कर रही सरकार अब समिट से पहले ही यह आंकड़ा लगभग दोगुना, 80 हजार करोड़ के आसपास पहुंच जाने से लाजिमी तौर पर उत्साहित है। 

इन्वेस्टर्स समिट को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ‘दैनिक जागरण’ से सरकार की कार्ययोजना के कुछ प्रमुख बिंदु साझा किए। 

रविवार से इन्वेस्टर्स समिट का आगाज होने जा रहा है, राज्य को इससे कितनी उम्मीदें हैं?

-यह हम सबका सौभाग्य है कि हम ऐसे राज्य में जन्मे हैं, जहां प्रकृति ने अपना भरपूर प्यार लुटाया है। 53 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले उत्तराखंड में कई भौगोलिक विषमताएं होने के बावजूद अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इन्वेस्टर्स समिट के जरिये इन्हीं संभावनाओं को अवसर में बदलकर राज्य की तकदीर बदलने की कोशिश है। 

-उत्तराखंड के परिप्रेक्ष्य में देखें तो भारी उद्योगों की यहां सीमित संभावनाएं हैं। इसलिए जरूरत के हिसाब से सर्विस सेक्टर आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दिए बिना यह राज्य आगे नहीं बढ़ सकता। सर्विस सेक्टर उत्तराखंड को सबसे ज्यादा फायदा दे सकता है। सर्विस सेक्टर में भी टूरिज्म ऐसा क्षेत्र है, जो राज्य की आर्थिकी को पूरी तरह से बदल सकता है।

राज्य की जीडीपी में सर्विस व हॉस्पिटेलिटी का योगदान 39 फीसद है। इसलिए टूरिज्म-हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा निवेश आकर्षित करना बेहद जरूरी है। उत्तराखंड पर्यटन की अपार संभावनाओं वाला राज्य है। यहां भक्ति, योग, धर्म, संस्कृति, आध्यात्म, एडवेंचर और वाइल्ड सफारी के रोमांच के पर्याप्त अवसर हैं। उत्तराखंड में 17 बड़ी पर्वत चोटियां, 51 रंग बिरंगी उपसंस्कृतियां, 89 छोटी-बड़ी नदियां, 111 सुरम्य झीलें, तालाब व 151 वन्यजीव संपदा से भरपूर स्पॉट हैं। 

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