LIVE TVMain Slideदेशधर्म/अध्यात्म

इन मंत्रों के जाप से करे शनिदेव की उपासना करे उनको प्रसन्न

हिंदू मान्यता के अनुसार शनिवार को कर्म फल दाता शनि देव की उपासना करनी चाहिए. अच्छे कर्मों और शनि देव की पूजा-अर्चना से भगवान शनैश्चर प्रसन्न होते हैं.

आज 21 अगस्त, दिन शनिवार को शनिदेव की उपासना करने के लिए सुबह उठकर, घर के मंदिर पर गंगा जल छिड़क कर शनिदेव को ध्यान करते हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए.

आपको बता दें कि यह पूजा करने के लिए कुश के आसन पर बैठना चाहिए. इसके बाद शनिदेव की मूर्ति के आगे नीले फूल चढ़ाने की मान्यता है. जानिए, किन मंत्रों का पाठ करना चाहिए
शनि देव के मंत्र

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

ॐ शं शनैश्चराय नमः।

शनि महामंत्र

ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

शनि का पौराणिक मंत्र

ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।

छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

शनि का वैदिक मंत्र

ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
शनि गायत्री मंत्र

ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्

शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।

उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।

ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।

ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।

तांत्रिक शनि मंत्र

ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि देव के मंत्र की जाप विधि
सेहत के लिए शनिदेव के मंत्र

ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।
शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।
जानकारी के अनुसार रुद्राक्ष की माला लेकर इनमें से किसी भी मंत्र का कम से कम 5 या 7 बार जाप करें.

शनि देव की आरती
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥

जय जय श्री शनि देव
श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥

जय जय श्री शनि देव
क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥

जय जय श्री शनि देव
मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥

जय जय श्री शनि देव
देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

Related Articles

Back to top button