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उत्तराखंड : पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों ने नैनीताल में फिर ली एक और जान

उत्तराखंड के पहाड़ों में सड़क हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों ने नैनीताल में फिर एक जान ली है. वहीं हादसे का शिकार दूसरा युवक जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है.

दोनों युवा हल्द्वानी से अल्मोड़ा जा रहे थे. लेकिन गरमपानी के पास अल्मोड़ा भवाली हाईवे में दोपांखी पर थुआ की पहाड़ी से पत्थर बाइक पर गिरे. इसके बाद दोनों युवक खाई में गिर गए.

दरअसल, हल्द्वानी मंगल पड़ाव के सौरभ सागर और साथी पंकज गोस्वामी अपनी बाइक से अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में फ्लैक्सी लगाने जा रहे थे. लेकिन थुआ की पहाड़ी से गिरे बोल्डर से हादसे का शिकार बन गए.

सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस और हाईवे पर आवाजाही कर रहे सेना के जवानों के साथ स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाया और दोनों युवाओं को खाई से बाहर निकाला. हालांकि, हादसे में 26 साल के सौरभ सागर ने मौके ओर ही दम तोड़ दिया.

वहीं पंकज गोस्वामी को आपातकालीन 108 की मदद से हायर सेंटर रेफर किया है. हादसे के बाद हाईवे पर लगे जाम को पुलिस ने खुलवाया जिसके बाद आवाजाही सुचारू हो सकी. प्रभारी एसडीएम अनुराग आर्या ने कहा कि हादसे की जानकारी मिली है और परिजनों को सूचना देने के साथ जो भी कानूनी कार्रवाई है वो की जा रही है.

अल्मोड़ा भवाली हाईवे का सफर खतरे से कम नहीं है. भवाली के बाद कैंची के साथ पूरे हाईवे में पत्थर गिरने का खतरा बना रहता है. कई बार इस हाईवे में ऐसी ही घटनाओं में कई लोगों की जान चली गयी है.

एक अनुमान के तहत हर साल 30 लोगों की मौत पत्थर व गाड़ी की खाई में गिरने की वजह से इस स्थान पर होती है. स्थानीय पत्रकार व जानकार मनीष साह बताते हैं कि हाईवे चौड़ीकरण के बाद खतरा और बड़ा है और कई स्थानों पर बारिश के दौरान ये घटनाएं आम हैं,

प्रशासन को चाहिए कि ऐसे खतरे वाले स्थानों पर स्लोगन के साथ कुछ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी चाहिए ताकि अगर पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं तो लोगों को पहले ही रोका जा सके.

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