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उत्तर प्रदेश सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य जल्द होगा शुरू

यूपी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए चारदीवारी बनाने की खातिर जमीन को समतल करने का काम शुरू हो गया है. इसकी शुरुआत सोमवार से कंस्ट्रक्शन मशीनें पहुंचने के साथ हो गई है.

इस दौरान जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण के लिए अधिग्रहित 1334 हेक्टेयर जमीन को समतल किया जाएगा. इसके साथ यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉक्टर अरुणवीर सिंह ने कहा कि एयरपोर्ट के शिलान्यास की तारीख की जल्द घोषणा प्रदेश सरकार की तरफ से की जाएगी.

बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (नोएडा एयरपोर्ट) का निर्माण करने वाली ज्यूरिख एयरपोर्ट की भारत में बनी कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से शिलान्यास से पहले

जमीन को घेरने और समतल करने का काम प्रारंभ कर दिया गया है. यही नहीं, एयरपोर्ट के प्रथम चरण के लिए जमीन अधिग्रहण का काम होने के साथ 3003 किसानों के विस्थापन का काम पूरा हो गया है. अब सिर्फ एयरपोर्ट के मास्टर प्लान की मंजूरी के साथ इसके शिलान्यास का इंतजार है.

जेवर एयरपोर्ट को लेकर यूपी सरकार ने एक बड़ा बदलाव किया है. एयरपोर्ट पर अब दो नहीं बल्कि 5 बड़े रनवे होंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इस पर अपनी मुहर भी लगा दी है.

मंजूरी के साथ ही अब जेवर एयरपोर्ट एशिया का दूसरा सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन जाएगा. हालांकि जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण में दो रनवे का निर्माण होना है. जानकारों की मानें तो 3 और रनवे निर्माण के लिए 1365 एकड़ जमीन की जरूरत होगी.

जमीन का अधिग्रहण करने के लिए भी यूपी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में अपनी मंजूरी दे दी है. इसके अलावा अधिकारियों ने कहा है कि मुख्य टर्मिनल से सटे एक और टर्मिनल भवन स्थापित किया जाएगा, जो मूल भवन की दर्पण छवि होगी. इसके अलावा नोएडा हवाई अड्डे पर कार्गो सेवाएं भी होंगी.

बता दें कि जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण के निर्माण में 29500 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वहीं, दूसरे चरण के निर्माण की लागत 31114 करोड़ रुपये आएगी.

भारतीय स्टेट बैंक ने यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को 3725 करोड़ रुपये का कर्ज देने का समझौता किया है. जबकि ज्यूरिख कंपनी जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में 2005 करोड़ रुपये लगाएगी.

ज्यूरिख कंपनी जेवर एयरपोर्ट को भारत का पहला पूरी तरह से डिजिटल एयरपोर्ट बनाएगी. भारत का पहला शून्य कार्बन उत्सर्जन वाला एयरपोर्ट होगा. वहीं, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के बीच समझौता हो चुका है कि विश्वस्तरीय मौसम संबंधी जानकारी मिल सके.

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