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कोरोना की तीसरी लहर आने के डर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के लिए दिया बड़ा बयान

कोरोना की तीसरी लहर का डर के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के लिए बड़ी बात कही है. मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या विश्वनाथन ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोरोना वायरस की स्थिति एंडेमिक स्टेज में जा सकती है.

एंडेमिक स्टेज उस वक्त होता है जब आबादी वायरस के साथ जीना सीख लेती है यानी वायरस के फैलाव की प्रकृति अब स्थानीय हो सकती है जबकि पैनडेमिक में जनसंख्या का बड़ा हिस्सा वायरस की चपेट में आता है.

उन्होंने बताया कि भारत का आकार, आबादी की विविधता और देश के अलग-अलग हिस्सों में इम्यूनिटी की स्थिति को देखते हुए ये ‘बिल्कुल संभव’ है कि स्थिति इसी तरह विभिन्न जगहों में उतार और चढ़ाव के साथ जारी रह सकती है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सौम्या विश्वनाथन ने कहा, “हम ऐसी अवस्था में जा सकते हैं जहां वायरस के फैलने की दर कम या मध्यम होगा. फिलहाल हमें वायरस के तीजे से फैलने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है जैसा हमने कुछ महीनों पहले देखा था.”

उन्होंने उम्मीद जताई कि 2022 के अंत तक भारत 70 फीसद लोगों का टीकाकरण करा पाने में कामयाब होगा. अगर 70 फीसद आबादी को कोविड-19 की वैक्सीन लग गई, तो भारत सामान्य अवस्था की तरफ लौट जाएगा.

बच्चों के बीच कोविड-19 की मौजूदगी पर उन्होंने माता-पिता को नहीं घबराने की सलाह दी. उन्होंने कहा, “दूसरे देशों से जो कुछ हमने सीखा है, उससे यही पता चलता है कि बच्चे संक्रमित हो सकते हैं और बीमारी फैला सकते हैं

लेकिन ज्यादातर समय बहुत मामूली बीमारी होती है और बहुत कम संख्या बीमार पड़ती है.” उन्होंने बताया कि दूसरी बीमारियों के लिए तैयारी स्वास्थ्य सिस्टम का कई तरीकों से मदद करनेवाली है लेकिन हमें इस बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है कि हजारों बच्चे आसीयू में जा रहे हैं.

संभावित तीसरी लहर के सवाल पर उन्होंने बताया कि पुख्ता तौर पर कुछ कहने के लिए किसी के पास क्रिस्टल बॉल नहीं है और तीसरी लहर की भविष्य कर पाना असंभव है. उन्होंने कहा, “कब, कहां तीसरी लहर आएगी, इसको बता पाना नामुमिक है. हालांकि, ट्रांसमिशन पर पड़नेवाले प्रभाव को देखकर आप कुछ अंदाजा लगा सकते हैं.”

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