यूपी के चार टुकड़े करने की बात न मानी तो भाजपा से गठबंधन पर पुनर्विचार होगा

उत्तर प्रदेश बहुत बड़ा प्रदेश है। इसका इतना विस्तार कई बार विकास में बाधा भी बन जाता है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी इस मसले को काफी जोरशोर से उठा रही है। इसके पीछे उसके सियासी निहितार्थ हो सकते हैं। हालांकि विकास के लिए छोटे-छोटे राज्यों में विभाजन की परिकल्पना बसपा भी करती आई। कुछ अन्य राजनीतिक दल भी छोटे राज्य के हिमायती हैं। उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक कि प्रदेश के चार टुकड़े होने पर ही सही तरह से विकास होगा।
सुभासपा के सुझाए चार राज्य नाम
- पश्चिमांचल
- पूर्वांचल
- मध्यांचल
- बुंदेलखंड
सुभासपा नेता राजभर ने स्पष्ट किया कि अगर भाजपा हाईकमान ने वार्ता के बाद उनकी छोटे राज्य गठन संबंधी बात अनसुनी की तो गठबंधन पर पुनर्विचार के विकल्प खुले हैं। सुभासपा ने अपनी ओर से राज्यों के नाम पश्चिमांचल, पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड सुझाए हैं। उन्होंने मेरठ में हाईकोर्ट बेंच बनने को भी पश्चिम के लोगों को सस्ता न्याय मिलने के लिए जरूरी बताया।
सुभासपा के मुद्दे
- यूपी में राज्य छोटे राज्य बनें
- स्कूलों में तकनीकी शिक्षा हो
- उच्च शिक्षा नि:शुल्क दी जाए
- पिछड़ों को 54 फीसद आरक्षण
- यूपी में भी शराब बंद की जाए
- शिक्षितों को संविदा पर रोजगार
युवा वर्ग कल्याण सम्मेलन
बिजनौर के नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के गांव पूरनपुर नंगला में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के तत्वावधान में आयोजित पिछड़ा एवं युवा वर्ग कल्याण सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि पिछड़ा वर्ग को 54 प्रतिशत आरक्षण एवं शिक्षित बेरोजगार युवकों को संविदा पर रोजगार मिलना चाहिए। उच्च शिक्षा नि:शुल्क होने की व्यवस्था लागू हो। स्कूलों में तकनीकी शिक्षा लागू होने पर बेरोजगारी नहीं बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि गुजरात व बिहार मे शराब बंद हो सकती है कि तो यूपी में क्यों नहीं?