जनता दल यूनाइटेड राष्ट्रीय परिषद की बैठक आज यानि 29 अगस्त को होगी पटना में
जनता दल यूनाइटेड के संगठन में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है. सबसे पहले नीतीश कुमार द्वारा पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ा गया. इसके बाद आरसीपी सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.
फिर उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी रालोसपा सहित जेडीयू में शामिल हुए. कुशवाहा को जेडीयू संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. उमेश कुशवाहा को वशिष्ठ नारायण सिंह की जगह प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. इसके बाद फिर आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बन जाने
के बाद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. ऐसे तमाम बदलावों के बाद एक बार फिर जदयू में संगठनात्मक स्तर पर बदलाव के संकेत मिल रहे हैं. इसी क्रम में जदयू कार्यालय में आज से दो दिवसीय राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक होगी.
मिली जानकारी के अनुसार शाम 4 बजे कर्पूरी सभागार में आयोजित आज की बैठक में कुल 18 राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे. इसके बाद 29 अगस्त यानी रविवार को राष्ट्रीय परिषद की बैठक होगी.
शाम 3 बजे कर्पूरी सभागार में आयोजित मीटिंग में सीएम नीतीश कुमार समेत लगभग 250 लोग शामिल होंगे. बता दें कि बीते 31 जुलाई को दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जिन मसलों पर चर्चा हुई उसका अनुमोदन राष्ट्रीय परिषद की बैठक में होना है. साथ ही JDU संगठन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
बता दें कि इससे पहले जेडीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी संगठन में बदलाव के संकेत दिए हैं. अपनी बिहार यात्रा के क्रम में मुजुफ्फरपुर पहुंचे कुशवाहा ने कहा कि अभी वे राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर रहे हैं.
अब तक करीब डेढ दर्जन जिलों की यात्रा कर चुके है. दौरे के क्रम में आम लोगों और कार्यकतार्ओं से मिल रहे हैं और फीडबैक ले रहे हैं. पूरे राज्य की यात्रा के बाद जो फीडबैक आएगा उस पर विचार कर अगर अवश्यक होगा तो संगठन में भी कुछ बदलाव होगा.
कुशवाहा ने कहा कि बिहार में गुटबाजी व पुराने लोगों की उपेक्षा की बात सामने आ रही है. इसको लेकर वह अपना फीडबैक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देंगे. संगठन स्तर पर जरूरत पड़ने पर व्यापक बदलाव होगा.
अभी वह मुख्य रूप से संगठन व सरकार के काम को लेकर लोगों की अपेक्षा का आकलन कर रहे हैं. आगर आवश्यक होगा तो इस पर राष्ट्रीय परिषद की बैठक में बात रखी जाएगी. पार्टी के वरीय नेता अगर जरूरत समझेंगे तो संगठन में भी बदलाव किया जा सकता है.