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चिराग पासवान ने लगवाई दिवंगत पिता रामविलास पासवान की घर में मूर्ति कही ये बड़ी बात। …

लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा कि उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान 12 जनपथ स्थित सरकारी बंगले में तीन दशक से अधिक समय तक रहे थे.

ऐसे में बंगले में लगायी गयी उनकी आवक्ष प्रतिमा उनके प्रति पार्टी के प्यार का प्रतीक है. उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि यह इस सरकारी आवास को अपने नियंत्रण में रखने की उनकी कोशिश है.

चिराग ने कहा कि सांसद के नाते वह ऐसा कुछ नहीं करेंगे जिसे अतिक्रमण समझा जाए या कानून का किसी तरह का उल्लंघन हो. उन्होंने कहा कि सरकारी नियम किसी सरकारी आवास को किसी संग्रहालय या स्मारक में तब्दील करने की अनुमति नहीं देते.

उन्होंने कहा, ‘‘अभी सरकार ने मुझे यहां रहने की अनुमति दी है. यह प्रतिमा दिवंगत नेता के प्रति पार्टी के प्यार का प्रतीक है. और जहां भी वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी, इसे वहां स्थानांतरित कर दिया जाएगा.

इस प्रतिमा को संपत्ति पर कब्जा करने की मेरी कोशिश के तौर पर कभी नहीं देखा जाना चाहिए.’’ चिराग ने कहा कि वह ऐसी किसी चीज का समर्थन नहीं करेंगे जो कानून के खिलाफ हो. उन्होंने कहा कि पार्टी ने देश के हर जिले में उनके दिवंगत पिता की प्रतिमा लगाने की योजना बनाई है.

सूत्रों ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय ने राम विलास पासवान के निधन के फौरन बाद आवास खाली करने का प्रारंभिक नोटिस जारी किया था, लेकिन चिराग पासवान ने मामले को वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के समक्ष यह विषय उठाया जिसके बाद उनके परिवार को अभी वहां रुकने की अनुमति दी गयी है.

जनपथ स्थित इस आवास पर रामविलास पासवान 32 साल से अधिक समय तक रहे. अब यह बंगला केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को आवंटित किया गया है. अनेक नेताओं के परिवारों द्वारा उनके निधन के बाद सरकारी

आवासों को अपने नियंत्रण में ही रखने के प्रयासों पर पहले कई विवाद सामने आ चुके हैं, जिनके मद्देनजर ऐसे आवासों को स्मारक बनाने पर रोक वाला नया नियम बनाया गया है.

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