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महाराष्ट्र सरकार ने गणेश उत्सव को लेकर जारी किये ये दिशा-निर्देश

देशभर में आज से गणेश उत्सव की शुरूआत हो रही है. भाद्रपद में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भगवान गणपति का जन्मोत्सव मनाया जाता है. महाराष्ट्र समेत पूरे देश में गणपति मोरया की पूजा धूमधाम से मनाई जाती है.

लेकिन इस बार मुंबई में के पंडालों में दर्शन की अनुमति नहीं है. यहां धारा 144 लागू कर दी गई है. साथ ही जुलूस निकालने पर भी रोक लगाई गई है.

महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि कोविड महामारी के चलते, गणेशोत्सव के दौरान लोगों को पंडाल में जाने की अनुमति नहीं होगी. राज्य के गृह विभाग की ओर से कहा गया कि पंडाल से केवल ऑनलाइन दर्शन की अनुमति दी जाएगी.

इससे पहले गृह विभाग ने एक परिपत्र में कहा था कि उत्सव के दौरान सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए. नए परिपत्र में कहा गया है कि लोगों को गणेश पंडालों में जाने की अनुमति नहीं होगी.

बीएमसी ने आज से शुरू हो रहे गणेश उत्सव के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत सार्वजनिक पंडालों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसके अलावा समारोह के दौरान जुलूस में भाग लेने वालों की संख्या को भी सीमित कर दिया गया है.

सार्वजनिक पंडालों में मूर्ति लाने और विसर्जन के लिए ले जाते समय 10 से अधिक लोग मौजूद नहीं होंगे.
घर में मूर्ति लाने और विसर्जन के लिए ले जाते समय अधिकतम पांच लोग ही मौजूद रहेंगे.
सभी श्रद्धालुओं को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना होगा और शारीरिक दूरी का पालन करना होगा.
उत्सव के दौरान जुलूस में भाग लेने वालों को अनिवार्य रूप से कोविड-19 रोधी टीके की दोनों खुराक लेनी होगी और दूसरी खुराक लिए हुए 15 दिन से अधिक समय होना चाहिए.

कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों में वृद्धि और महामारी की तीसरी लहर के खतरे के मद्देनजर, बीएमसी ने सार्वजनिक गणपति पंडालों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है

और नागरिकों से त्योहार सादगी से मनाने की अपील भी की है. बीएमसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के संभावित खतरे को देखते हुए श्रद्धालुओं को सार्वजनिक पंडालों में दर्शन करने से मना किया गया है.

बीएमसी ने घर में स्थापित किए जाने वाले गणपति की मूर्तियों की ऊंचाई दो फुट जबकि सार्वजनिक मंडलों के लिए चार फुट तक सीमित कर दी है. बीएमसी के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आईपीसी, महामारी रोग अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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