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बिहार में स्वाइन फ्लू की दस्तक से मचा हड़कंप कई लोग हुए शिकार

बिहार में कोरोना और वायरल फीवर के बाद अब स्वाइन फ्लू की दस्तक से हड़कंप मंच गया है. पटना के एक निजी हॉस्पिटल में 2 मरीजों में स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने के बाद उनका इलाज शुरू किया गया है.

निजी अस्पताल द्वारा इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी दे दी गई है. मिली जानकारी के अनुसार दोनों मरीजों के लिए अलग व्यवस्था की गई है

और इनका इलाज शुरू हो गया है. डॉक्टरों ने जांच के बाद H1N1 की पुष्टि की है. बताया जा रहा है कि कि जो भी लोग इन दोनों मरीजों के सम्पर्क में आए हैं उनलोगो को भी जांच करानी होगी.

बताया जा रहा है कि ई और मरीज भी इलाज के लिए अस्पताल में पहुंचे हैं. स्वाइन फ्लू के H1N1 वायरस की पुष्टि होने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. सूत्र बताते हैं कि अब तक स्वाइन फ्लू के छह मरीजों की पहचान की गई है.

हालांकि इसकी पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने नहीं की है. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को स्वाइन फ्लू से घबराने की जरूरत नहीं है. इस संक्रमण से बचाव संभव है और इसका इलाज मौजूद है.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें समय पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचना चाहिए. स्वाइन फ्लू के संक्रमण फैलने के प्रति लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है

न कि घबराने की. खांसने, छींकने या छूने से भी स्वाइन फ्लू का वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंच जाता है. इस वजह से स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों को अलग रखा जाना चाहिए.

स्वाइन फ्लू के लक्षणों में बुखार के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी हो तो तुरंत अपने चिकित्सकों से मिलें. स्वाइन फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो एच-1 एन-1 वायरस की वजह से फैलता है. स्वाइन फ्लू से प्रभावित व्यक्ति में सामान्य मौसमी सर्दी-जुकाम जैसे ही लक्षण होते हैं.

स्वाइन फ्लू से प्रभावित लोगों में नाक से पानी बहना या नाक बंद हो जाना, गले में खराश, सर्दी-खांसी, बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, थकान, ठंड लगना, पेट दर्द और कभी-कभी दस्त उल्टी आने जैसी दिक्कत हो सकती है. कम उम्र के व्यक्तियों, छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से प्रभावित करता है.

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