बिहार के सुपौल में छेड़खानी का विरोध करने पर कुछ मनचलों द्वारा लड़कियों की बुरी तरह पिटाई करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नजदीकी सहरसा जिले से लड़कियों के साथ छेड़छाड़ का एक और मामला सामने आया है. दबंगों के खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गांव की तकरीबन 3 दर्जन छात्राओं ने स्कूल जाना ही छोड़ दिया है.
भाई का तोड़ दिया हाथ
यह मामला सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर थाने के तहत एकपढ़हा गांव का है जहां पर बीते 4 अक्टूबर को स्कूल जा रही छात्राओं के साथ बगल के गांव के मनचलों ने रास्ते में छेड़छाड़ की. इससे तंग आकर लड़कियों के स्कूल जाना ही छोड़ दिया है. जब एक छात्रा के भाई ने मौके पर छेड़छाड़ का विरोध किया तो मनचलों ने उसकी जमकर पिटाई भी की और उसका हाथ तोड़ दिया.
दरअसल, एकपढ़हा गांव में एक भी हाई स्कूल नहीं है जिसकी वजह से गांव की बेटियों को 7 किलोमीटर दूर सिमरी बख्तियारपुर जाना पड़ता है. हर रोज की तरह सुबह 9:30 बजे गीता (बदला हुआ नाम) अपनी दो अन्य सहेलियों के साथ साइकिल पर बैठकर सिमरी बख्तियारपुर जा रही थी जब रास्ते में हर दिन की तरह छिपकर बैठे मनचलों ने उसके साथ छेड़छाड़ की.
इस दौरान गीता के छोटे भाई रमेश और राजेश (दोनों बदला हुआ नाम) सिमरी बख्तियारपुर से कुछ खरीदारी कर गांव वापस लौट रहे थे जब उन्होंने मनचलों को उनकी बहन और उसकी सहेलियों के साथ इस बर्ताव को देखा तो उन्होंने इसका विरोध किया. लेकिन लफंगों ने उनके साथ ही मारपीट कर दी, जिनमें से एक भाई का हाथ टूट गया. मारपीट के बाद मनचले वहां से फरार हो गए.