उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी की अत्याधुनिक मिसाइलों का किया ताबड़तोड़ परीक्षण
उत्तर कोरिया ने लंबी दूरी की अत्याधुनिक मिसाइलों का ताबड़तोड़ परीक्षण कर के एकबार फिर सनसनी मचा दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने उत्तर कोरिया के सरकारी मीडिया केसीएनए के हवाले से यह जानकारी दी है।
ये परीक्षण ऐसे वक्त में किए गए हैं जब अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई है और अमेरिका को वहां से बैरंग लौटना पड़ा है। उत्तर कोरिया का यह कदम इसलिए भी काबिले गौर है क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर लंबे जारी गतिरोध के खत्म होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार और रविवार को हुए परीक्षणों के दौरान मिसाइलों ने अपने लक्ष्य को भेदने से पहले 1,500 किलोमीटर (930 मील) की दूरी तय की। केसीएनए ने कहा है कि मिसाइलों का विकास उत्तर कोरिया की सुरक्षा को अधिक भरोसेमंद बनाने गारंटी देता है।
देश में किया गया लंबी दूरी की मिसाइलों का निर्माण शत्रुतापूर्ण ताकतों के सैन्य युद्धाभ्यास को मजबूती से रोकने के लिए भी एक प्रभावी निवारक साधन रखने का रणनीतिक महत्व प्रदान करता है।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया काफी लंबे वक्त से संयुक्त राज्य अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर प्योंगयांग के प्रति शत्रुतापूर्ण नीति का आरोप लगाता रहा है। उत्तर कोरिया के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को खत्म करने के उद्देश्य से अमेरिका के साथ उसकी वार्ता साल 2019 से ही रुकी हुई है।
North Korea test-fires "newly-developed new-type long-range cruise missiles", says its state media KCNA
— ANI (@ANI) September 12, 2021
जानकार बताते हैं कि मिसाइलों का परीक्षण करना उत्तर कोरिया की एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। वह खुद पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को खत्म करने के लिहाज से अमेरिका पर वार्ता का दबाव बनाने को लेकर भी ऐसे परीक्षण करता रहा है।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी ने कहा था कि ऐसा लगता है कि उत्तर कोरिया ने एटॉमिक ईंधन का उत्पादन करने के लिए अपने मुख्य परमाणु रिएक्टर का संचालन दोबारा शुरू कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की वार्षिक रिपोर्ट में उत्तरी प्योंगयांग के योंगब्योन में उत्तर कोरिया के मुख्य परमाणु परिसर में पांच मेगावाट के रिएक्टर के बारे में यह बात कही गई थी।
समाचार एजेंसी एपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रिएक्टर प्लूटोनियम का उत्पादन करता है जिसे परमाणु हथियारों के निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकता है।