आये आज जाने साइनोसाइटिस की प्रॉब्लम से जुडी ये बाते
बहुत लोग ऐसे हैं जिनको अक्सर ही जुकाम होता रहता है. साथ ही ये दिक्कत लंबे समय तक भी बनी रहती है. इसकी वजह से सिर दर्द, नाक और गले में बलगम, हल्का बुखार और आवाज में बदलाव जैसी परेशानी हो जाती है.
ऐसे में ज्यादातर लोग ये सोचते हैं कि ये मामूली सा जुकाम है, जो मौसम में बदलाव की वजह से हो गया होगा. कुछ लोग जुकाम को छोटी सी दिक्कत समझकर अनदेखा कर देते हैं लेकिन आपको बता दें कि कभी-कभी ये केवल मामूली जुकाम नहीं होता, बल्कि साइनोसाइटिस भी हो सकता है. आइये जानते हैं इसके बारे में.
साइनस के संक्रमण का कारण साइनस की झिल्ली में सूजन आना है. जिसकी वजह से हवा की जगह में मवाद या बलगम भर जाता है, जिससे साइनस ट्रैक्ट बंद हो जाते हैं. जब साइनस का रास्ता बंद हो जाता है यानी बलगम के बाहर निकलने का रास्ता रुक जाता है,
तब साइनोसाइटिस का खतरा पैदा हो जाता है. इस वजह से स्वाद और सूंघने की शक्ति कमजोर हो जाती है और सिर में, गालों व ऊपर के जबड़े में दर्द होने लगता है. साथ ही शरीर की एनर्जी डाउन होने लगती है और इसका नींद पर भी बुरा असर पड़ता है.
अगर आपको अकसर या लंबे समय तक सिर में दर्द और भारीपन, आवाज में बदलाव, नाक और गले में बलगम, हल्का बुखार, दांतों में दर्द, जबड़ों में दर्द, माथे, आंखों, गाल और नाक के आसपास दर्द रहना,
चेहरे पर सूजन, शरीर में थकान और कमजोरी महसूस होती हो तो ये साइनोसाइटिस के लक्षण हो सकते हैं. इनको हल्का जुकाम समझ कर अनदेखा न करें और डॉक्टर से संपर्क करें.
साइनोसाइटिस की दिक्कत होने की खास वजह प्रदूषण, धूम्रपान और इंफेक्शन है. लेकिन बच्चों में ये दिक्कत एलर्जी और बोतल से दूध या पानी पीने की वजह से भी हो सकती है. साथ ही घर में अगर कोई धूम्रपान करता है, तो इसकी वजह से भी साइनस की परेशानी बच्चों को हो सकती है.