पुरुष अपनी पुरानी रंगत लौटाने के लिए फॉलो करें ये टिप्स
जब भी सजने-संवरने की बात आती है लड़कियों की ही चर्चा होती है, पुरुषों के चेहरे को लेकर कोई चर्चा नहीं होती है, लेकिन पुरुषों का चेहरा भी मंद पड़ सकता है, उसमें भी परेशानियां आ सकती है.
इसलिए पुरुषों के चेहरे को भी निखार की जरूरत होती है. बारिश के इस मौसम में पुरुषों के चेहरों को ज्यादा केयर करने की जरूरत होती है, क्योंकि मानसून में ह्यूमीडिटी बढ़ जाती है, जिससे इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर लेट्स शेव के सीएमओ अश्विनी पवार ने कहा, इस मौसम में ज्यादा आर्द्रता के कारण पुरुषों की स्किन और हेयर बुरी तरह प्रभावित होते है, इसलिए इस मौसम में इनकी केयर करना जरूरी है.
इस मौसम में क्लीन शेव रहे और अगर संभव हो तो बॉडी के बालों को भी ट्रिम कर दें. एक तो इसमें समय की बचत होगी. दूसरा मॉनसून में लंबे बालों में धूल लगने की आशंका ज्यादा होती है.
जब पसीना निकलता है तो यह धूल पसीने के साथ चिपक जाती है जो स्किन के पोर को खुलने नहीं देती. यह स्किन के लिए नुकसानदेह है.
पुरुष आजकल कई स्टाइल की दाढ़ी और मूंछ रखते हैं. मानसून में इस कारण चेहरे की स्किन इची हो सकती है और बियर्ड से बदबू भी आ सकती है. इसलिए बेहतर है कि इसे न रखें.
मानसून के मौसम में एसएलएस फ्री शेविंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें. एसएलएस फ्री का मतलब ऐसा प्रोडक्ट जिसमें सोडियम लॉरिल सल्फेट का इस्तेमाल न हो. अच्छी गुणवत्ता वाली शेविंग फोम का इस्तेमाल करने से चेहरे की स्किन में पानी धारण की क्षमता अच्छी रहती है. इस मौसम में चेहरे को धोने के लिए इसमें साबुन और पानी भी काम नहीं करता.
दाढ़ी बनाने के बाद आफ्टर शेव या आफ्टर लोशन ऐसा इस्तेमाल करें जिसमें अल्कोहल की मात्रा नहीं हो. मानसून में अल्कोहल वाला आफ्टर शेव या लोशन का इस्तेमाल करने पर स्किन में मॉइश्चर खत्म होने लगता है
जिससे स्किन ड्राई हो जाती है. इससे इचिंग की भी समस्या होने लगती है. इससे स्किन के पोर भी बंद होने लगते हैं. इसलिए अल्कोहल वाले आफ्टरशेव का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
शेविंग बनाने से पहले स्किन को एक्सोफॉलिएट करना चाहिए, इससे स्किन मुलायम रहेगी और शेविंग के दौरान बाल आराम से निकलेंगे. एक्सोफॉलिएट यानी पानी या मिल्क क्रीम लगाकर स्किन से डेड सेल्स को निकाल देना. ऐसा करने से बालों के पोर खुल जाते हैं. फिर बालों के निकलने के दौरान स्किन पर ज्यादा जोर नहीं पड़ता.