पंजाब : आज शाम 5 बजे चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की होगी अहम् बैठक
आज पंजाब कांग्रेस के लिए बड़ा दिन है. कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर आज शाम 5 बजे चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में सभी विधायकों को शामिल होने को कहा गया है. सियासी गलियारों में इसे कैप्टन की अग्निपरीक्षा कहा जा रहा है. खबर है कि 40 विधायकों ने हाईकमान को चिट्ठी लिखी थी.
बाहर से लग रहा था कि कैप्टन और क्रिकेटर रहे सिद्धू के बीच जारी विवाद की आग बुझ गई है, लेकिन अंदर ही अंदर ये आग सुलग रही थी. कल देर रात हरीश रावत ने ट्वीट किया, ‘’AICC को कांग्रेस पार्टी के बड़ी संख्या में विधायकों के पत्र मिले हैं,
जिसमें पंजाब विधायक दल की तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया है. AICC ने PPCC को इस बैठक को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया है.’’ आड तय हो जाएगा कि कैप्टन अमरिंदर चुनाव तक पंजाब के सीएम बने रहेंगे या कोई नाइट वॉचमैन आएगा? हरीश रावत के साथ पार्टी दो अब्ज़र्वर भी चंडीगढ़ भेजेगी.
जानकारी के मुताबिक, सिद्धू का अध्यक्ष बनने के बाद सियासी पैंतरा यही था कि नाराज विधायक मीटिंग बुलाने का दबाव बनाएंगे. और अगर बैठक में कैप्टन का विरोध हुआ तो नेतृत्व परिवर्तन पर रायशुमारी का रास्ता साफ हो जाएगा. लेकिन इससे पहले सीएम कैप्टन अमरिंदर ने सिद्धू से माफी मांगने वाली जिद्द छोड़ दी और सिद्धू के कार्यभार ग्रहण कार्यक्रम में पहुंच गए.
The AICC has received a representation from a large number of MLAs from the congress party, requesting to immediately convene a meeting of the Congress Legislative Party of Punjab. Accordingly, a meeting of the CLP has been convened at 5:00 PM on 18th September at …..1/2 pic.twitter.com/BT5mKEnDs5
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) September 17, 2021
डिनर डिप्लोमेसी के जरिए कैप्टन ने राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा जैसे अपने विरोधियों के लिए भी हवा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, लेकिन गलती कैप्टन से ये हुई कि जो चार कैबिनेट मंत्री बगावत पर उतरे उनको मनाने की बजाए कैप्टन ने उनको ही हल्के में ले लिया.
कैप्टन से नाराज धड़ा देहरादून में हरीश रावत से मिलने के बाद भी शान्त नहीं हुआ. खबर है कि पिछले हफ्ते इन्ही मंत्रियों से सलाह कर कई विधायकों ने विधायक दल की मीटिंग बुलाने के लिए हाईकमान को लिखना शुरू कर दिया.
विधायक सुरजीत धीमान ने तो यहां तक कह दिया कि कांग्रेस 2022 का चुनाव कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व में लड़ी तो वो चुनाव ही नहीं लड़ेंगे.
कई विधायकों को लगता है कि कैप्टन सरकार 2017 में जनता से किए सैंकड़ों वायदे पूरे नहीं कर पाई, इसलिए लोग नाराज हैं और कांग्रेस की हालत पतली है. लेकिन सवाल ये कि क्या चुनाव से ठीक पहले कैप्टन को साइड लाइन करने से एंटी इन्कमबेंसी खत्म हो जाएगी?
सवाल ये कि क्या सिद्धू इस दांव से दोबारा कांग्रेस को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचा पाएंगे? क्या नाइट वॉचमैन बनकर सिद्धू विनिंग पारी खेल पाएंगे? क्या सियासत में वैसे ही सिक्स लगा पाएंगे, जैसे वो अपने क्रिकेटिंग करियर में मारते थे?