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मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विरोधियों के खिलाफ खुलकर खोला मोर्चा

चुनावी राज्य यूपी में विरोधी नेता एक दूसरे पर लगातार सियासी हमले कर रहे हैं. मु्ख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विरोधियों के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है. सोमवार को योगी ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर विपक्ष को आड़े हाथ लिया.

उन्होंने कई मुद्दों को लेकर विपक्षी नेताओं पर सीधा हमला बोला. योगी ने कहा कि तुष्टिकरण की घृणित राजनीति करने वालों ने महाराणा प्रताप की बजाय अकबर को महान बता दिया. विदेशी आक्रांताओं के महिमामंडन में ऐसे शब्द गढ़े गए कि समाज भ्रमित हो जाए.

योगी ने कहा कि सर्वांगीण विकास पिछली सरकारों का ध्येय नहीं था. वे तो केवल खानदान के लिए काम करते रहे. समाज में हर तबके का सम्मान हो, उन्हें उनका अधिकार मिले, शासन की योजनाओं का लाभ समान रूप से सबको प्राप्त हो, यही तो भारतीय जनता पार्टी कहती है.

आजादी के बाद तुष्टिकरण की जो राजनीति देश में चल रही थी, उस तुष्टिकरण की राजनीति को हमेशा के लिए समाप्त करेंगे. हमारे लिए ओबीसी, एससी-एसटी, महिला या युवा मोर्चा समाज को जोड़ने का माध्यम हैं, समाज के प्रत्येक तबके को जागरूक करने के लिए हैं.

योगी ने कहा कि सबको समाज व राष्ट्र की मुख्यधारा के साथ जोड़कर ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार करने के माध्यम हैं. कोरोना कालखंड के दौरान विपक्षी नेता ट्विटर पर खेल रहे थे, चुनाव में भी उन्हें ट्विटर पर ही खेलने के लिए छोड़ देने की आवश्यकता है.

योगी ने कहा कि यदि हिंदू समाज महाराजा सुहेलदेव के पराक्रम से प्रेरणा लेता तो कोई विदेशी आक्रांता ‘अयोध्या जी’ में श्री राम मंदिर को क्षतिग्रस्त करके हिंदू समाज को अपमानित करने का दुस्साहस नहीं कर पाता.

मैं देख रहा था, लखनऊ में एक परिवार है, वह कोरोना काल में कहीं नहीं निकला, लेकिन जब CAA के विरोध में उपद्रवी सड़कों पर आगजनी करने आ रहे थे, तो उनके समर्थन में पूरा खानदान निकल पड़ा था.

योगी ने कहा कि अनुसूचित जाति समाज का ‘नींव’ है. नींव दिखती नहीं है, किंतु भवन उसी पर खड़ा होता है. भवन की मजबूती उसी पर निर्भर करती है. हमारा कोई धर्म नहीं, कोई मत और मजहब नहीं, कोई उपासना विधि नहीं,

बस एक ही धर्म है- राष्ट्रधर्म. ‘राष्ट्रधर्म’ का उपासक बन करके जो कार्य करेगा, अपने आप को समर्पित करेगा, वह लोक के लिए पूज्य हो जाएगा, समाज उसको पथ-पथ पर सम्मान देगा.

जो भी राष्ट्रधर्म के मूल्यों को रौंदकर अपने स्वार्थ के लिए सत्ता की चाटुकारिता करता हुआ दिखाई देगा, समाज उसको कूड़ेदान में फेंककर हमेशा के लिए भुला देगा.

काशी के डोम राजा को पहले की सरकारों ने सम्मान नहीं दिया, लेकिन आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया. काशी में संत शिरोमणि रविदास जी की पावन प्राकट्य स्थली के सुंदरीकरण हेतु हम वृहद स्तर पर कार्य कर रहे हैं. इस पुनीत कार्य में विरोधी दल के लोग रोड़े अटका रहे हैं, लेकिन कोई चिंता नहीं.

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