जाने सर्वाइकल कैंसर के लक्षण और उपचार ?
गर्भाशय के मुख्य द्वार को सर्विक्स कहते हैं. सर्विक्स में जब कोशिकाओं की अनियमित तरीके से वृद्धि होने लगती है, तो उसे सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है. दुनिया में करीब 10 में से एक महिला को यह कैंसर होता है
और अगर समय पर इसके बारे में पता नहीं चलता है तो यह जानलेवा भी साबित हो सकता है. बंगलुरु अपोलो क्रेडल की डॉक्टर टीना थॉमस बता रहीं हैं कि कैसे इससे बचा जा सकता है.
अक्सर इस बीमारी का पता नहीं चल पाता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत सामान्य होते हैं. लेकिन कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनको अगर ध्यान से देखें तो इनके बारे में हमको समय से पता चल सकता है और इसका इलाज कराया जा सकता है.
जैसे बहुत ज्यादा रक्त स्राव होना, शारीरिक संबंध के बाद वजाइना में दर्द होना, पीरियड खत्म होने के बाद भी अगर स्राव होता है तो यह सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है.
इसके अलावा टॉयलेट करते वक्त तेज दर्द भी हो सकता है. कुछ महिलाओं में तेजी से वजन कम होता है और भूख भी नहीं लगती. अगर इनमें से कोई भी लक्षण आपको हैं तो तत्काल अपने डॉक्टर से सलाह लें.
किशोरावस्था में लड़कियों को एचवीपी की वैक्सीन लेनी चाहिए.
बार बार गर्भधारण से बचें.
पेट के निचले हिस्से यानी पेडू में अगर दर्द है तो उसे नजरअंदाज न करें.
30 के बाद साल में एक बार पेप सिमर टेस्ट जरूर कराएं.
पीरियड में अगर किसी प्रकार की कोई समस्या है तो उसे नजरअंदाज न करें और सही समय पर डॉक्टर की सलाह लें.
अधिक लोगों से संबंध बनाने से बचें.
इन्फेक्शन से बचें.
इसका उपचार अन्य बिमारियों की तरह ही संभव है. अगर सही समय पर बीमारी का पता चल जाता है तो स्थिति के अनुसार ही उपचार होता है. इसके अलावा कैंसर की स्टेज के अनुसार उपचार किया जाता है. जिसमें सर्जरी और रेडियोथेरपी की मदद ली जा सकती है.