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आज जाने भगवान विष्णु के इन 24 अवतारो के बारे में। …

इस धरा पर जब भी कोई महासंकट आता है तो उससे बचाने तारणहार बनकर स्वयं भगवान अवतार लेते हैं. धार्मिक मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ और भगवान विष्णु धरती पर कई अवतार ले चुके हैं.

भगवान विष्णु को लेकर धार्मिक मान्यता है कि उनके 24 अवतार इस धरती पर होंगे. इनमें से 23 अवतार अब तक आ चुके हैं, वहीं आखिरी ‘कल्कि अवतार’ आना बाकी है,

हालांकि उनका आना भी सुनिश्चित है. इन 24 अवतारों में से विष्णु जी (Lord Vishnu) के 10 प्रमुख अवतार माने गए हैं. हम इनके बारे में भी आपको बताएंगे.

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सृष्टि के प्रारंभ में भगवान ब्रह्मा ने अनेक लोकों की रचना की इच्छा करते हुए इस सृष्टि के लिए घोर तप किया. उनके तप से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने चार मुनियों के रुप में अवतार लिया. इन्हें ही विष्णु जी का पहला अवतार माना गया.

भगवान विष्णु के 24 अवतार
– श्री सनकादि मुनि
– वराह अवतार
– नारद अवतार
– नर-नारायण
– कपिल मुनि
– दत्तात्रेय अवतार
– यज्ञ
– भगवान ऋषभदेव
– आदिराज पृथु
– मत्स्य अवतार
– कूर्म अवतार
– भगवान धनवंतरि
– मोहिनी अवतार
– भगवान नृसिंह
– वामन अवतार
– हयग्रीव अवतार
– श्रीहरि अवतार
– परशुराम अवतार
– महर्षि वेद व्यास
– हंस अवतार
– श्रीराम अवतार
– श्रीकृष्ण अवतार
– बुद्ध अवतार
– कल्कि अवतार

यह हैं 10 मुख्य अवतार
– मत्स्य अवतार
– कूर्म अवतार
– वराह अवतार
– नृसिंह अवतार
– वामन अवतार
– परशुराम अवतार
– श्रीराम अवतार
– श्रीकृष्ण अवतार
– बुद्ध अवतार
– कल्कि अवतार

भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए नियमपूर्वक पूजा भी अनिवार्य है. गुरुवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लेना चाहिए. साफ वस्त्रों को धारण करने के बाद एक चौकी पर स्वच्छ कपड़ा बिछाकरउस पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें. विष्णु भगवान को पीला रंग बेहद प्रिय माना जाता है, ऐसे में उन्हें प्रसन्न करने पीले रंग का फूल चढ़ाना चाहिए.

इसके साथ ही उन्हें पीले रंग के फलों का ही भोग लगाना चाहिए. भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ उन्हें धूप-दीप दिखाना चाहिए. इसके बाद विष्णु जी की आरती करना बेहद जरूरी है. गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है. इसलिए हो सके तो केले के पेड़ की पूजा जरूर करना चाहिए.

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