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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवभूमि उत्तराखंड के दौरे के लिए चुना 7 अक्टूबर का दिन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस साल का 7 अक्टूबर का दिन ऐतिहासिक रहने वाला है. और इस दिन को पीएम ने देवभूमि उत्तराखंड के दौरे के लिए चुना है. पीएम मोदी 7 अक्टूबर को संवैधानिक पद पर रहने के 20 साल पूरे करने जा रहे हैं.

सूत्रों के मुताबिक इस दिन पीएम उत्तराखंड के दौरे पर रहेंगे और संभावना है कि इस ऐतिहासिक दिन को ही वह केदारधाम जाकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेंगे. इससे पहले न्यूज़18 ने आपको बताया था कि 6 से 10 अक्टूबर के बीच किसी दिन पीएम मोदी का उत्तराखंड दौरा शेड्यूल किया जा रहा था.

अब पीएम मोदी का जो कार्यक्रम तय हुआ है, उसके मुताबिक 7 अक्टूबर को पीएम उत्तराखंड में जॉलीग्रांट एयरपोर्ट टर्मिनल का लोकार्पण और ऋषिकेश एम्स में ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन करेंगे.

ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगाध आस्था है. अस्सी के दशक में नरेंद्र मोदी ने डेढ़ माह तक केदारपुरी में मंदाकिनी नदी के बाईं ओर स्थित गरुड़चट्टी में साधना की थी. तब वो हर रोज़ बाबा के दर्शनों के लिए केदारनाथ मंदिर पहुंचते थे.

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी पहली बार 3 मई 2017 को केदारनाथ गए थे. आज़ादी के बाद नरेंद्र मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो अपने कार्यकाल में चार बार केदारनाथ गए. इससे पहले प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ही दो बार केदार बाबा के दर्शन को पहुंची थीं.

3 मई 2017
20 अक्टूबर 2017
7 नवंबर 2018
18 मई 2019

नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री पद तक का सफर कामयाबी के साथ तय करने वाले मोदी अब तक कई रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.

वह सबसे ज्यादा दिन प्रधानमंत्री पद पर रहने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं. उनसे पहले यह रिकॉर्ड अटल बिहारी वाजपेयी के नाम था. 7 अक्टूबर 2001 को सीएम बनने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और वह लगातार 4 बार गुजरात के सीएम रहे.

मोदी 22 मई 2014 तक लगातार 12 साल 227 दिन राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर कार्यरत रहे, जो गुजरात में किसी एक मुख्यमंत्री का सबसे लंबा कार्यकाल है.

संवैधानिक पदों पर रहने के 20 साल पूरे करने वाले पीएम मोदी ने इस ऐतिहासिक दिन को उत्तराखंड के दौरे के लिए चुना है, तो इस मौके पर उनके लंबे राजनीतिक सफर और अहम भूमिकाओं की चर्चा भी की जानी चाहिए.

गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी भूमिका बड़ी अहम रही. 2001 को मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद उसी साल भुज में आए भयानक भूकंप से गुजरात बुरी तरह प्रभावित हुआ था.

तब मोदी के ‘वाइब्रेंट गुजरात’ इवेंट जैसे कदम राज्य के पुनर्गठन में महत्वपूर्ण रहे. बाद में गुजरात बिजली उत्पादन सहित कई मोर्चों पर आत्मनिर्भर हो गया. गुजरात में विकास का एक ऐसा दौर शुरू हुआ, जो देश के लिए एक उदाहरण साबित हुआ.

गुजरात में मोदी के कामकाज का नतीजा था कि 2013 से ही बीजेपी और देश में उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग उठने लगी. 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भारी मांग को देखते हुए बीजेपी ने उस तत्कालीन सीएम मोदी को पीएम पद का चेहरा बना दिया.

मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने चुनाव रिकॉर्ड सीटों के साथ जीता. 26 मई 2014 को मोदी देश के 14वें प्रधानमंत्री बने. केंद्र की सत्ता में आने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का ग्राफ लगातार बढ़ता गया.

न केवल देश बल्कि विदेशों में भी मोदी की लोकप्रियता बढ़ी. 2019 के लोकसभा में भी बीजेपी मोदी के नेतृत्व में चुनाव में रिकॉर्ड सीटों के साथ फिर जीती. पीएम नरेंद्र मोदी फिर 30 मई 2019 को वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने.

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