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देश की राजधानी दिल्‍ली में धार्मिक स्थल को खोलने की मिली अनुमति

देश की राजधानी में कोरोना से सुधरते हालातों के बीच दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भक्तों के लिए धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है. हालांकि इसके लिए कड़ी शर्तें रखी गई हैं और उन्‍हें पूरा करने के बाद ही धार्मिक स्‍थल खोले जा सकेंगे.

वहींं, डीडीएमए ने साफ कहा कि इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का कड़ाई से पालन किया जाए और कोविड प्रोटोकॉल का ध्‍यान रखा जाए.

बता दें कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण राजधानी दिल्‍ली में धार्मिक स्थल इसी साल 19 अप्रैल से भक्तों के लिए बंद हैं. हालांकि कुछ समय पहले मंदिरों में पुजारियों को पूजा पाठ की अनुमति दी गयी थी.

डीडीएमए ने अपने आदेश में धार्मिक स्थलों पर भक्तों के प्रवेश की अनुमति दी है, लेकिन वहां बड़ी संख्या में लोगों के जमा होने पर रोक है. डीडीएमए ने जिलाधिकारियों और पुलिस उपायुक्तों को आगामी त्योहारों के मद्देनजर कोविड-उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की एसओपी मुताबिक, धार्मिक स्‍थल के प्रवेश द्वार पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था जरूरी है. जबकि धार्मिक स्थलों पर भीड़ ना हो इसके लिए सोशल डिस्‍टेंसिंग के नियम का खास ख्याल रखना होगा.

वहीं, आगन्तुकों के लिए सैनिटाइजर एवं मास्क का प्रयोग अनिवार्य होगा. किसी को भी कोविड के लक्षण मिलने पर तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराना होगा.

इससे पहले डीडीएमए ने इस साल दशहरा और दुर्गा पूजा समारोह आयोजन की अनुमति दी, लेकिन छठ पूजा के सार्वजन‍िक रूप से आयोजन पर प्रत‍िबंध लगा द‍िया गया है. इस छठ पूजा लोग अपने घरों में ही मना सकेंगे.

डीएम आदेशों के मुताब‍िक, द‍िल्‍ली में सार्वजन‍िक तौर पर या फिर पब्‍ल‍िक ग्राउंड, नदी या घाट और मंद‍िर आद‍ि में छठ पूजा समारोह का आयोजन नहीं होगा. साथ ही लोगों का सलाह दी गई है क‍ि वह आस्‍था के इस पर्व को अपने घरों में रहकर ही मनाएं.

वहीं, डीडीएमए ने अपने नए कोविड-19 दिशानिर्देशों में कहा है कि दिल्ली में त्योहारों के दौरान मेलों, खाने के स्टॉल, झूलों, रैलियों और जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी. जबकि डीडीएमए ने जिन गतिविधियों की अनुमति दी है और जिन पर पाबंदियां लगाई है, उससे संबंधित आदेश 15 अक्टूबर की मध्यरात्रि तक प्रभावी रहेंगे.

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