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विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कैंसर के जोखिम को करना है कम तो इन बातों का रखें ध्यान

कैंसर इस वक्त पूरी दुनिया में तेजी से फैलनेवाली बीमारी बन गई है. उसका इलाज संभव तो है लेकिन काफी खर्चीला और तकलीफदेह साबित होता है. कैंसर का इलाज उस वक्त किया जा सकता है जब उसकी पहचान शुरुआती दौर में हो जाए. कैंसर में शरीर की सेल्स बेकाबू तरीके से बढ़ने लगती है और शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैल जाती है.

कैंसर इंसानी शरीर में करीब कहीं भी शुरू हो सकता है. आम तौर पर इंसानी सेल्स बूढ़ी हो जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है, तो उसकी मौत हो जाती है और उसकी जगह पर नए सेल्स का विकास होता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कैंसर से करीब 70 फीसद मौत निम्न और मध्यम आमदनी वाले देशों में होती है. करीब एक तिहाई कैंसर से मौत का कारण तंबाकू, अल्कोहल का सेवन,

हाई बॉडी मास इंडेक्स, शारीरिक गतिविधि की कमी और कम फल और सब्जी का इस्तेमाल है. 2020 में करीब 10 मिलियन होनेवाली मौत के पीछे कैंसर प्रमुख कारण रहा है.

तंबाकू, अल्कोहल, खराब खानपान, शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहना और वायु प्रदूषण कैंसर के जोखिम कारक हैं. कुछ क्रोनिक संक्रमण को भी कैंसर के जोखिम कारकों में शामिल किया गया है.

हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस लिवर और सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं. उसी तरह, एचआईवी के संक्रमण से कैंसर का जोखिम काफी बढ़ जाता है. आप कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए खानपान में कुछ सावधानियां बरत सकते हैं.

क्या ज्यादा खाएं
मछली विशेषकर फैटी फिश जैसे सालमन, टूना, ट्राउट
साबुत अनाज
फल और सब्जियां
नट्स
जड़ी बूटियां और मसाले

क्या कम खाएं
बीफ, पोर्क
रिफाइन अनाज जैसे व्हाइट राइस, व्हाइट डबल रोटी, बेकरी प्रोडक्ट्स
शुगर से बने मीठे ड्रिंक्स
प्रोसेस्ड मीट
अल्कोहल

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