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चीनी मिलों के विस्‍तारीकरण की स्‍थलीय जांच के लिए बनाई गई कमेटी

पानी के लिए नहीं करना पड़ेगा मीलों सफर, घर पर मिलेगा शुद्ध पानी

झांसी जिले से करीब 20 किमी दूर पथरीली जमीनों के बीच मऊरानीपुर तहसील का एक गांव है बुखारा। इस गांव के लोगों की सबसे बड़ी परेशानी पीने का पानी है। वर्षों से महिलाएं कई किमी दूर से सिर पर पानी ढोकर लाती हैं। सुबह 4 बजे से शुरू होने वाला ये सिलसिला देर शाम तक बदस्तूर जारी रहता है। लेकिन पीने के पानी की इस जद्दोजहेद के बीच उम्मीद की किरण उनके जीवन में खुशियों का संदेश लेकर आई है। दरअसल सरकार की हर घर नल योजना की पाइप लाइन बुखारा गांव में बिछना शुरू हो गई है। जल जीवन मिशन के तहत इस पाइप लाइन से कुछ दिनों में ही पेयजल आपूर्ति शुरू हो जाएगी।

बुखारा गांव की गुड्डी बताती हैं कि करीब 20 सालों से वो सिर पर पानी ढोकर ला रही हैं। आधे से अधिक दिन पानी भरने की जद्दोजहद में ही बीत जाता है। उसके बाद परिवार के लिए समय ही नहीं बचता लेकिन जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना गांव के लोगों के जीवन में रंग भरने का काम करेगी।

गांव की तुलसी बताती हैं कि सुबह से शाम तक पानी भरने की मेहनत के बाद भी पीने योग्य पानी नहीं मिलने से बीमारियां आफत बनी थीं। आधे से ज्यादा पैसा इलाज में ही खर्च हो रहा था। पर सरकार की हर घर नल योजना से शुद्ध जल मिलने लगेगा। तो बीमारियां भी कम होंगी और हमारा पैसा भी बचेगा।

बुखारा गांव के ग्राम प्रधान पवन शर्मा ने कहा कि जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना से झांसी में अभूतपूर्व बदलाव आएगा। शुद्ध पानी मिलने से गांव की तस्वीर बदल जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार की योजना के सहयोग में गांव-गांव में लोगों को पानी बचाने के लिए वो जागरूक करने का काम कर रहे हैं।

झांसी के विकासखंड मऊरानीपुर निवासी कंचन ने बताया कि शुद्ध पानी मिलने से गांव की महिलाओं को सबसे बड़ी राहत मिलेगी। सरकार की हर घर नल योजना से पानी के लिए होने वाले झगड़े अब नहीं होंगे। महिलाओं में इस योजना के शुरू होने की सबसे अधिक खुशी है।

मऊरानीपुर निवासी रामकुंवर ने बताया कि मार्च से जुलाई तक जिले में पानी की किल्लत रहती थी। पठारी क्षेत्र होने की वजह से हैण्डपम्प भी सूख जाते थे। प्रदेश सरकार की सात जनपदों के लिए हर घर नल योजना से अब गांव के लाखों लोगों को शुद्ध पानी मिल सकेगा।

राज्य सरकार ने झांसी और महोबा समेत बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम लगभग पूरा कर लिया है। ट्रायल रन के साथ बहुत जल्द योजना का लाभ लाखों की आबादी को मिलने जा रहा है। बता दें कि बुन्देलखंड क्षेत्र में जल जीवन मिशन के तहत 32 परियोजनाओं में कुल 467 पाइप पेयजल योजनाओं का निर्माण किया जा रहा है।

चीनी मिलों के विस्‍तारीकरण की स्‍थलीय जांच के लिए बनाई गई कमेटी

गन्‍ना पेराई के लिए यूपी की चीनी मिलें नए सिरे से तैयार होना शुरू हो गई हैं। किसानों को अधिक लाभ देने के लिए चीनी मिलों के विस्‍तार का काम युद्धस्‍तर पर किया जा रहा है। गन्‍ना विभाग 13 चीनी मिलों के विस्‍तार का काम शुरू कर चुका है। चीनी मिलों के विस्‍तार से 05 लाख से अधि‍क किसानों को फायदा होगा। साथ ही मिलों की पेराई क्षमता भी बढ़ जाएगी। विभाग ने चीनी मिलों के विस्‍तारीकरण की स्‍थलीय जांच के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है।

प्रदेश में गन्‍ने के रकबा में बढ़ोत्‍तरी के साथ चीनी मिलों की पेराई क्षमता में विस्‍तार का काम शुरू हो चुका है। गन्‍ना किसानों को सहूलियत देने के लिए वर्तमान पेराई सत्र में 120 चीनी मिलों का संचालन किया जाना तय है। यूपी में गन्‍ने के रकबे में करीब 27.75 लाख हेक्‍टेयर की बढ़ोत्‍तरी हुई है। ऐसे में मुंडेरवा समेत 13 चीनी मिलों की पेराई क्षमता में विस्‍तार का काम शुरू कर दिया गया है, ताकि अधिक गन्‍ने की पेराई की जा सके। । गन्‍ना विकास विभाग के अनुसार पेराई क्षमता बढ़ाने से किसानों की आय बढ़ेगी। इससे लाखों किसानों को फायदा होगा। इसे देखते हुए मिलों में मरम्‍मत का काम शुरू कर दिया गया है। जानकारों की मानें तो मिलों में 25 अक्‍टूबर के बाद गन्‍ना पेराई शुरू हो जाएगी।

5 लाख से अधिक किसानों को होगा फायदा

गन्‍ना विभाग के अनुसार 13 चीनी मिलें अपनी क्षमता में विस्‍तार का काम कर रही हैं। चीनी मिलों की क्षमता में विस्‍तार होने से 1,67,500 कुंतल अधिक गन्‍ने की पेराई का काम हो सकेगा। इससे लगभग 5,01,876 गन्‍ना किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा। इससे उनकी आय में बढ़ोत्‍तरी होगी। चीनी मिलों में हो रहे विस्‍तार की स्‍थलीय जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है। प्रदेश सरकार की नीतियों के चलते 2016-17 में प्रदेश में जो गन्‍ने का उत्पादन 66 टन प्रति हेक्टेयर हुआ करता था, वह अब बढ़कर 2021-22 में 81.5 टन प्रति हेक्टेयर हो गया है। यही नहीं, 50 सालों में पहली बार किसानों को 2017 से वर्ष 2021 तक 1.44,हजार करोड़ रुपए का गन्ना भुगतान किया गया है।

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