देश के कुछ हिस्सों में नौ अक्टूबर से होगी मानसून की वापसी होगी भारी बारिश
मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी की शुरुआत के लिए बुधवार से परिस्थितियां अनुकूल हैं. आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी
आर के जेनामणि के अनुसार 1960 के बाद से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की दूसरी सबसे देरी से वापसी है. 2019 में उत्तर-पश्चिम भारत से मानसून की वापसी नौ अक्टूबर को शुरू हुई थी. उत्तर-पश्चिम भारत से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी आमतौर पर 17 सितंबर से शुरू हो जाती है.
वहीं मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को सुबह उत्तर प्रदेश के बहजोई, सहसवां, कासगंज, गंजडुंदवाड़ा, एटा, खुर्जा, गबाना समेत कई अन्य जगहों पर बारिश होगी.
मौसम विभाग के मुताबिक बुधवार को यूपी के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है. इसके साथ ही स्काईमेट वेदर ने भी बुधवार को कई राज्यों में बारिश का अनुमान लगाया है.
स्काईमेट वेदर के अनुसार बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप के अधिकांश हिस्सों में बारिश होने के पूरे आसार हैं.
इसके अलावा उत्तर पूर्वी राज्यों, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक, छत्तीसगढ़, रायलसीमा और उत्तर प्रदेश के भी अधिकांश इलाकों में बुधवार को अच्छी बारिश हो सकती है.
स्काईमेट वेदर का पूर्वानुमान है कि 9 अक्टूबर तक मुंबई और उसके आसपास के इलाकों व कोंकण क्षेत्र में हल्की से तेज बारिश होती रहेगी. जून से सितंबर तक चार महीने के दौरान दक्षिण-पश्चिमी मानसून के मौसम में देश में ‘सामान्य’ वर्षा हुई.
एक जून से 30 सितंबर तक अखिल भारतीय मानसूनी वर्षा 87 सेमी रही जबकि 1961-2010 के दौरान लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 88 सेमी है. यह लगातार तीसरा साल है जब देश में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई. 2019 और 2020 में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई थी.