LIVE TVMain Slideउत्तर प्रदेशदेश

यूपी में तेज हुई आर्थिक गतिविधियां, सरकार का राजस्व भी बढ़ा

राहुल-प्रियंका की झूठी सहानुभूति से सिख समुदाय में उबाल

लखीमपुर जाने और किसानों से मिलने का दम भरने वाली कांग्रेस पार्टी को सिखों ने आईना दिखाने का काम किया है। राहुल और प्रियंका गांधी की झूठी सहानुभूति से उनमें उबाल है। 1984 में हुए सिखों के नरसंहार को लेकर समुदाय के लोगों ने जगह-जगह पोस्‍टर लगाकर विरोध दर्ज कराया है। सिख समुदाय ने राहुल और प्रियंका गांधी से वापस जाने की मांग की है। लखनऊ समेत कई शहरों में सिखों ने पोस्‍टर लगाकर राहुल गांधी के दौरे पर विरोध जताया है। यूपी सरकार के प्रवक्‍ता व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार में सिख समुदाय का जो नरसंहार हुआ था। उसे अभी तक सिख समुदाय भूला नहीं है।

        1984 में सिखों के नरसंहार के जिम्‍मेदार, आज सिखों के जख्‍म पर नमक न डालें...लखनऊ समेत अन्‍य शहरों में सिख समुदाय की ओर से लगाए गए पोस्‍टर कांग्रेस पार्टी की झूठी सहानुभूति को आईना दिखा रहे हैं। सिख समुदाय में राहुल गांधी के दौरे को लेकर काफी आक्रोश है। होर्डिंग्स के जरिए समुदाय ने राहुल गांधी को 1984 दंगों की याद दिलाई गई है। होर्डिंग्‍स में, नहीं चाहिए फर्जी साहनुभूति, राहुल गांधी वापस जाओ, प्रियंका गांधी वापस जाओ, सिखों के कातिल वापस जाओ, नहीं चाहिए साथ तुम्हारा’ जैसे नारे लिखे हैं। इन होर्डिंग्‍स में राजेंद्र सिंह बग्गा, अध्यक्ष, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा, पटेल नगर समेत सिक्ख समुदाय के कई लोगों का नाम लिखे हुए हैं। उधर, यूपी सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि संवेदनशील मुद्दे पर विपक्ष का नकारात्मक रवैया है। यही नहीं ट्विटर और सोशल मीडिया पर रहने वालों को मौका मिल गया है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार घटना की एक-एक पहलू पर ध्यान दे रही है। सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि सिख समुदाय अभी तक अपने ऊपर हुए जुल्‍म को भूला नहीं है।

लखनऊ समेत कई शहरों में लगी होर्डिंग्‍स

        राहुल गांधी लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने के लिए लखनऊ आए हैं। उनके दौरे से पहले लखनऊ समेत कई शहरों में सिख दंगों की याद दिलाती हुई होर्डिंग्‍स लगाई गई है। होर्डिंग्‍स में कहा गया कि जिनके हाथ सिखों के नरसंहार से रंगे हुए है । किसानों को उनका साथ नहीं चाहिए। सिख समुदाय ने उनसे वापस जाने को भी कहा है।

यूपी में तेज हुई आर्थिक गतिविधियां, सरकार का राजस्व भी बढ़ा

कोरोना महामारी के बाद अब उत्तर प्रदेश में आर्थिक गतिविधयों ने तेज रफ्तार पकड़ ली है। कोरोना महामारी के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में सूबे की आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के लिए जो कदम उठाए गए, उसके चलते ही यूपी की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के साथ सरकार के राजस्व में इजाफा हुआ है। वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश सरकार के प्रयासों के चलते ही पिछले सितंबर की तुलना में 2012.73 करोड़ रुपये अधिक राजस्व मिला है। वर्ष 2020-21 में मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में सितम्बर में कुल 11538.16 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है। पिछले वर्ष 2020-21 के सितम्बर में 9525.43 करोड़ रुपये का राजस्व मिला था।

        प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने सूबे की आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने और सरकार के राजस्व में हुए इजाफे के आंकड़े मंगलवार को जारी किए। इन आंकड़ों के मुताबिक सूबे में जीएसटी के तहत सितम्बर 2021 में 4290.92 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है, जबकि पिछले वर्ष सितम्बर में 3680.20 करोड़ रुपये मिले थे। वैट से सितम्बर 2021 में 2200.40 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई। यह पिछले वर्ष 1653.88 करोड़ रुपये थी। इसी प्रकार आबकारी विभाग में सितम्बर में 2559.85 करोड़ राजस्व मिला है। जबकि पिछले वर्ष सितम्बर में 2140.61 करोड़ रुपये मिले थे। स्टाम्प तथा निबन्धन के तहत सितम्बर 2021 की राजस्व प्राप्ति 1801.30 करोड़ रही है। पिछले सितम्बर में 1429.00 करोड़ रुपये मिले थे। परिवहन में सितम्बर की राजस्व प्राप्ति 520.12 करोड़ है जबकि पिछले वर्ष सितम्बर में 439.41 करोड़ मिले थे।

        वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना प्रदेश के राजस्व में हुई वृद्धि की श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फैसलों को देते हैं। सुरेश खन्ना के मुताबिक़ इस वर्ष कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना से लोगों का जीवन तथा जीविका को बचाने के लिए लॉकडाउन के बजाए राज्य में आंशिक कोरोना कर्फ्यू लगाने का फैसला किया। जिसके चलते राज्य में रोज कमाने खाने वाले, पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को रोजी -रोजी का संकट नहीं हुआ और  राज्य में आर्थिक गतिविधियां भी चलती रहीं। सूबे में आर्थिक कामकाज होते रहने के चलते पिछले          साल लगाए गए लॉकडाउन की तुलना में इस बार अप्रैल में साढ़े आठ गुना राजस्व प्राप्त हुआ था। राज्य सरकार को बीते अप्रैल माह में कर-करेत्तर राजस्व की मुख्य  मदों में 11196.49 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि मासिक लक्ष्य का 85  प्रतिशत और पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 9898.44 करोड़ रुपये अधिक था। इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2021-22 के जून में 11164.11 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि वर्ष 2020-21 के जून में 9034.83 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। राजस्व में इजाफे का यह सिलसिला राज्य में जारी है, और इसकी वजह मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए फैसले हैं। 

        सुरेश खन्ना का दावा है कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के तमाम प्रयास करते हुए आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया है। यहां कोरोना प्रोटोकॉल के तहत कारोबारी गतिविधियां चल रही हैं। जबकि अन्य कई राज्यों में पूर्णत: लॉकडाउन लगा। लॉकडाउन वाले राज्यों में सभी उद्योग करीब बंद रही और आर्थिक गतिविधियां भी ठप हैं। जबकि उत्तर प्रदेश में कारोबारी गतिविधियां पहले की तरह ही चल रही हैं। उत्तर प्रदेश में करीब साढ़े आठ लाख उद्योग पंजीकृत हैं। इन उद्योगों में करीब 80 लाख लोग काम करते हैं। इसी प्रकार राज्य में करीब 80 लाख उद्योग अपंजीकृत हैं और इनमें दो  करोड़ लोग काम करते हैं। राज्य में लगाए गए आंशिक कोरोना कर्फ्यू में उन्हें अपना-अपना कार्य करने की छूट मिली। रोज कमाने खाने वाले, पटरी दुकानदार, दैनिक मजदूर और फैक्ट्रियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों का कामकाज जारी रहा। जीवन तथा जीविका को बचाने के सरकारी फैसले से इस सभी को कोरोना कर्फ्यू के दौरान अपना कामकाज जारी रखने की मिली छूट के चलते इन्हें रोजी -रोजी के संकट का सामना नहीं करना पड़ा। सरकार के इस फैसले के कारण कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए राज्य में उद्योग-धंधे भी चले और कर्मचारियों को भी नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा। प्रदेश सरकार को भी इस आंशिक कोरोना कर्फ्यू का लाभ मिला। राजस्व प्राप्ति के सितंबर के जारी आंकड़े यह साबित कर रहे हैं।

यूपी में कमिशनरेट सिस्टम से पुलिसिंग को मिली नई दिशा

यूपी पुलिस व्‍यवस्‍था में जो बदलाव बरसों से नहीं हो सके उसे प्रदेश सरकार ने मात्र साढ़े 04 सालों में करके दिखा दिया। प्रदेश की महिलाओं के लिए अलग से पिंक बूथ और पुलिस लाइन स्थित खस्‍ताहाल भवनों का नवीनीकरण कर पुलिस कर्मियों को नए आवास दिए गए हैं। सरकार ने यूपी के कई शहरों में कमिश्‍नरेट सिस्‍टम लागू कर पुलिसिंग को नई दिशा दी है। राज्य में यूपी पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण आयोग का गठन किया गया और पुलिस रिफार्म के लिए बेहतर कदम उठाए गए।

        साढ़े 4 सालों में प्रदेश सरकार ने पुलिस का चेहरा ही बदल कर रख दिया। सरकार ने संकल्‍प पत्र में यूपी पुलिस को आधुनिक बनाने के जो वादे किए उससे अधिक करके दिखाया। यूपी पुलिस को मॉडर्न पुलिस बनाने के लिए उनको अत्‍याधुनिक वाहनों व हथियारों से लैस किया। साथ ही 18 नई विधि विज्ञान प्रयोगशालाओं का निर्माण कराया।  इसके साथ ही उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॅारेंसिक साइंसेज का निर्माण भी लखनऊ में शुरू हो चुका है। जिससे जटिल अपराधों की जांच आसानी से हो सकेगी।  पॉक्सो एक्ट में त्वरित न्याय दिलाने के लिए 218 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन क‍िया। पुलिस अधीक्षक कार्यालयों में एफ.आई.आर. काउन्टर स्थापित किए।  महिलाओं की सुरक्षा के लिए वूमेन पावर लाइन-1090 चलाई गई।

पुलिस विभाग में हुई रिकार्ड भर्ती

        कानून व्‍यवस्‍था को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में 214 नए थानों की स्‍थापना की गई। उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के द्वारा 1 लाख 43 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती व 76 हजार से अधिक अराजपत्रित पुलिसकर्मियों की पदोन्नति की गई।  महिलाओं के लिए प्रदेश के सभी 1535 थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई। यू.पी.-112 हेल्पलाइन से 6 लाख 46 हजार जरूरतमंद को मदद दिलाई। इसके अलावा ‘सवेरा’ कार्यक्रम में 7 लाख 33 हजार 770 लाख बुजुर्ग पंजीकृत किए गए हैं।

लखीमपुर की घटना में मृत दलित के बारे में क्यों खामोश हैं मायावती: बृजलाल

राज्यसभा सदस्य बृजलाल ने लखीमपुर की घटना में मृत दलित की मौत पर दलितों की कथित रहनुमा और बसपा सुप्रीमो मायावती की खामोशी पर सवाल उठाए हैं ।

        इस बाबत जारी बयान में प्रदेश के पूर्व डीजीपी ने कहा कि लखीमपुर की घटना पर अपने बयानों के जरिये लगातार घड़ियाली आंसू बहाने वाली बहनजी के आंसू मृत दलित के प्रति संवेदना जताने में क्यों सूख गए? यह इस बात का सबूत है कि उनका दलित प्रेम हाथी के दांत की तरह सिर्फ दिखावा है। सही मायनों में वह दौलत की ही बेटी हैं।

        बृजलाल ने कहा कि बहनजी के लिए दलित सिर्फ वोट बैंक हैं। उनके दुख-दर्द से उनका कोई सरोकार नहीं। सरोकार होता तो उक्त घटना में मृत दलित के बाबत दो शब्द जरूर बोलतीं।

        इस घटना को लेकर उनसे सरकार को नसीहत नहीं चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृत किसानों के परिजनों के बारे में उतना किया जितना आप (मायावती) सोच भी नहीं सकती। मामला सुलझाने के लिए वह पूरी रात जगे रहे। मौके पर वरिष्ठ अफसरों को भेजा। मृतक आश्रितों को 45 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी के साथ घटना की तेजी से निष्पक्ष न्यायिक जांच की घोषणा भी कर चुके हैं। उन्होंने बसपा सुप्रीमो पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके दुख की वजह जनता समझ रही है। आपको इस घटना पर राजनीतिक रोटी सेंकने का समय न मिलना ही आपके दुःख की असली वजह है। यकीनन योगीजी की सरकार में आपको यह मौका कभी मिलेगा भी नहीं।

        आपकी कलई खुलने के साथ ही आपकी राजनीति भी खत्म हो चुकी है। आपकी हाथी 2014 में ही बैठ चुकी है। अब वह उठने से रही। बाकी गाल बजाते रहिये। कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।

लखीमपुर पर दुःखी शरद पवार को नागपुर के गोवारी समुदाय की मौत याद नहीं: सिद्धार्थ नाथ

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखीमपुर मामले पर एनसीपी नेता शरद पवार की टिप्पणी को गैरजरूरी और अनैतिक बताया है। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने शरद पवार के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्हें महाराष्ट्र की 1994 की हृदय-विदारक घटना की याद दिलाई है, जिसमें गोवारी समुदाय के 114 लोग पुलिस लाठीचार्ज के दौरान भगदड़ में मारे गए थे और लगभग 500 व्यक्ति घायल हुए थे।

        उन्होंने कहा कि इस घटना का उल्लेख इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि शरद पवार उस समय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे और उनकी सरकार पर अक्षमता और लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए गए थे। पवार घटना के दोषी हैं क्योंकि उनके निर्देश पर ही पुलिस ने नागपुर में गोवारी समुदाय के निरीह लोगों पर दमनकारी कार्रवाई की थी। मृतकों और घायलों में काफी बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

        सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि शरद पवार के उस बयान की कड़ी निन्दा की जिसमें उन्होंने लखीमपुर घटना की तुलना जलियांवाला बाग की घटना से की है।पवार के  मुख्यमंत्रित्व काल में नागपुर की घटना पर सरकार ने खेद भी नही व्यक्त किया था और गोवारी समुदाय के लोगों की मदद करने के बजाय उनका दमन किया था। आज लखीमपुर मामले में उनका दुःख जताना अनैतिक है।

        सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि इतनी बड़ी घटना का कलंक लिए हुए पवार जैसे वरिष्ठ नेता अगर लखीमपुर की घटना पर गलत टिप्पणी करते हैं जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं लगता है। यूपी के वरिष्ठ मंत्री ने कहा कि लखीमपुर की घटना के तुरंत बाद योगी सरकार ने वरिष्ठ अधिकारियों को वहा भेजा इसकी निष्पक्ष जांच करवाई और साथ ही साथ न्यायिक जांच का आदेश दिया।

        सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि शरद पवार बताएं कि नागपुर की उस घटना पर क्या वह निष्पक्षता के साथ जांच नही करवा सकते थे, जबकि योगी सरकार ने मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता देने और दोषियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाने में तनिक भी देर नहीं की।

मुख्यमंत्री ने ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ एन0एस0जी0 (ब्लैक कैट कार रैली) को झण्डी दिखाकर रवाना किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत आज यहां ‘1090’ चैराहे पर ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (ब्लैक कैट कार रैली) को झण्डी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एन0एस0जी0) अपने अदम्य साहस व शौर्य के लिए पूरे भारत में जाना जाता है। भारत की सुरक्षा, स्वाभिमान व सम्मान को बनाये रखने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि एन0एस0जी0 ने सदैव संवेदनशील स्थिति में जब भी समाज में भय और असुरक्षा का माहौल रहा, तब वहां सुरक्षा व राहत देने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 15 अगस्त, 2022 को जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब प्रत्येक देशवासी के लिए वह अत्यन्त गौरव का वर्ष होगा। आजादी की क़ीमत क्या होती है, यह वर्तमान पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आजादी अचानक नहीं मिली है। इसके लिए अनगिनत बलिदान दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में आजादी के अमृत महोत्सव को पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जा रहा है। समाज का प्रत्येक वर्ग इससे जुड़ा है। देश को लम्बे संघर्ष और आन्दोलनों के बाद 15 अगस्त, 1947 को आजादी मिली। देश की स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाये रखने में पैरामिलिट्री, आम्र्ड फोर्स व सिविल पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों सशस्त्र सेना बल (एस0एस0बी0) का एक दल प्रदेश आया था, जिसका उन्हें स्वागत करने का अवसर मिला था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गृह मंत्री, भारत सरकार श्री अमित शाह जी द्वारा 02 अक्टूबर, 2021 को ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ का शुभारम्भ लाल किला, दिल्ली से किया गया। उन्होंने कहा कि यह रैली 03 अक्टूबर, 2021 को आगरा पहुंची। यह रैली आज लखनऊ से वाराणसी को प्रस्थान कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश के अध्यात्मिक गौरव की वृद्धि में उत्तर प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान है। उत्तर प्रदेश भारत की स्वाधीनता आन्दोलन का प्रमुख केन्द्र बिन्दु भी रहा है। प्रदेश में प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम की अलख बलिया, गोरखपुर, मेरठ में जली थी। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष को विस्मृत नहीं किया जा सकता है। मंगल पाण्डेय के नेतृत्व मंे वर्ष 1857 में प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम का बिगुल बजाया गया था। उन्होंने कहा कि मेरठ में धनपाल सिंह कोतवाल के नेतृत्व में ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी गयी थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में चैरी-चैरा शताब्दी महोत्सव का आयोजन भी किया जा रहा है। 04 फरवरी, 1922 को जनपद गोरखपुर के चैरी-चैरा में देश की स्वाधीनता के लिए स्थानीय नागरिकों, किसानों व श्रमिकों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ एक बड़ा आन्दोलन किया था। प्रदेश सरकार ने अमृत महोत्सव और चैरी-चैरा शताब्दी महोत्सव को एक साथ जोड़ते हुए यह व्यवस्था बनाई है कि इन दोनों आयोजनों से जुड़े प्रदेश के प्रत्येक शहीद स्थल व स्वाधीनता से जुड़े पवित्र स्थलों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।
ज्ञातव्य है कि ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ कार रैली देश के 12 राज्यों के लगभग 18 शहरों से होते हुए 7500 किलोमीटर की यात्रा 29 दिनों (02 अक्टूबर से 30 अक्टूबर, 2021 तक) में तय करेगी। ‘सुदर्शन भारत परिक्रमा’ लखनऊ से वाराणसी, बोधगया, जमशेदपुर, कोलकाता, भुवनेश्वर, बेहरामपुर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, हैदराबाद, ओंगोल, चेन्नई, बंगलुरु, हुबली, मुम्बई, अहमदाबाद, जयपुर होते हुए नई दिल्ली वापस आएगी। यह रैली अपनी यात्रा के दौरान स्वाधीनता आन्दोलन से जुड़े महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण कर देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी।
इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री मुकुल गोयल व महानिदेशक एन0एस0जी0 श्री एम0ए0 गणपति सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button