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नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने किया कैबिनेट विस्तार जाने किन मंत्रियो को मिली जगह

पदभार ग्रहण करने तीन महीने बाद नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने शुक्रवार को पांच दलों के सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया और इस दौरान 17 मंत्रियों एवं दो राज्य मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की. इसी के साथ सरकार में अब मंत्रियों की संख्या 25 हो गयी है जिनमें 22 कैबिनेट और तीन राज्यमंत्री हैं.

इससे पहले, प्रधानमंत्री एवं एक राज्यमंत्री समेत कैबिनेट में बस छह सदस्य थे. नेपाल का संविधान मंत्रिमंडल में बस 25 मंत्रियों की अनुमति देता है. प्रधानंमत्री पांच दलीय सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच सत्ता

साझेदारी पर लंबी चर्चा के कारण अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाये थे. नवनियुक्त मंत्रियों ने राष्ट्रपति कार्यालय में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. उससे पहले प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति से इन्हें मंत्री बनाने की सिफारिश की थी.

राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने नवनियुक्त कैबिनेट मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. जबकि राष्ट्रपति की मौजूदगी में प्रधानमंत्री ने दोनों राज्य मंत्रियों को पद एवं गोपनीयनता की शपथ दिलायी.

काठमांडू पोस्ट अखबार के अनुसार मंत्रिपद के बंटवारे को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के घटक दलों में सहमति बन जाने के बाद ही नयी नियुक्तियां संभव हो पायी हैं.

नव गठित सीपीएन-यूनीफाइड सोशलिस्ट के पांच कैबिनेट, मधेस क्षेत्र की जनता सोशलिस्ट पार्टी के चार कैबिनेट एवं राज्य मंत्री तथा पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन-माओवादी सेंटर के पांच कैबिनेट एवं एक राज्यमंत्री को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.

इसी प्रकार, देउबा की अगुवाई वाली नेपाली कांग्रस से आठ मंत्री एवं एक राज्य मंत्री मंत्रिमंडल में हैं. राष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी. नेपाली कांग्रेस के बाल कृष्ण खांड के पास गृह मंत्रालय बना रहा जबकि इसी दल के नारायण खडका विदेश मंत्रालय की कमान आगे भी संभालते रहेंगे.

नेपाली कांग्रेस के ही मिनेंद्र रिजान एवं ज्ञानेंद्र बहादुर करकी को क्रमश: रक्षा एवं सूचना व संचार मंत्रालय दिये गये हैं. सीपीएन माओवादी सेंटर के जर्नादन शर्मा के पास वित्त मंत्रालय बना हुआ है. सरकार में नेपाली कांग्रेस, सीपीएन (यूनीफाइड सोशलिस्ट) ,

जनता समाजवादी पार्टी (जेएसपी) और सीपीएन (माओवादी सेंटर) शामिल हैं. काठमांडू पोस्ट के अनुसार देउबा सरकार गठन के तीन महीने बाद भी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पाने की वजह से आलोचना से घिर गये थे. देउबा ने रिकार्ड पांचवीं बाद 13 जुलाई को प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण किया था.

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