दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर युवक ही निर्मम हत्या के मामले में 2 आरोपी हुए गिरफ्तार
हरियाणा के सोनीपत में सिंघु बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन स्थल पर पीट-पीट कर दलित मजदूर की हत्या के मामले में दूसरे आरोपी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया.
इसके अलावा दो अन्य आरोपियों को सोनीपत पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं, मृतक के परिजनों ने बेअदबी करने के हमलावरों के दावे पर सवाल उठाये हैं और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है.
इस बर्बर हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप में शुक्रवार शाम को निहंग सरबजीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसके बाद सरबजीत को शनिवार को हरियाणा के सोनीपत कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. इस दौरान उसने पुलिस को अपने डिसक्लोजर स्टेटमेंट में चार नाम बताए थे.
पुलिस ने बताया कि सरबजीत के नाम बताने के कुछ घंटे बाद एक अन्य आरोपी नारायण सिंह को अमृतसर देहात पुलिस ने अमृतसर जिले के अमरकोट गांव से गिरफ्तार कर लिया. वहीं, इस जघन्य हत्या के मामले में शनिवार की देर शाम दो अन्य लोगों को सोनीपत पुलिस ने हिरासत में लिया है.
दोनों पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले हैं. हैरानी की बात है कि दोनों लोगों ने हिरासत से पहले मीडिया से बातचीत की. सूत्रों ने बताया कि पुलिस मामले में उन लोगों से पूछताछ करेगी, इसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जायेगा. इसके बाद मामले में गिरफ्तार किये गये लोगों की संख्या चार हो जायेगी.
बहरहाल, निहंग नारायण सिंह ने गिरफ्तार होने से पहले कहा था कि लखबीर सिंह को बेअदबी करने की सजा दी गयी है. साथ ही उसके चेहरे पर कोई अफसोस नहीं था. जबकि गिरफ्तारी से पहले नारायण सिंह ने अमरकोट गुरद्वारे में अरदास की और इस दौरान कुछ लोगों ने उसे फूलों एवं नोटों (रुपये) की माला पहनाकर सम्मानित किया.
पुलिस के अनुसार, सरबजीत सिंह ने इस जघन्य हत्या में कुछ और लोगों के शामिल होने का दावा किया था. इसके बाद दिल्ली की सीमाओं पर उन विरोध स्थलों को खाली कराने के लिए कार्रवाई किये जाने की मांग की गयी है,
जहां किसान पिछले साल नवंबर से केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. हालांकि किसान नेताओं ने कहा कि इस घटना का उनके आंदोलन पर
किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगवा कर तथा और अधिक स्वयंसेवकों की तैनाती कर सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा.
इस बीच शनिवार को पंजाब के तरनतारण जिले के गांव में भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच परिजनों की मौजूदगी में मृतक लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया. लखबीर के अंतिम संस्कार के दौरान कोई ग्रंथी वहां अरदास के लिये मौजूद नहीं था,
और न ही उसके गांव चीमा कलां से कोई अंतिम संस्कार में शामिल हुआ. जबकि लखबीर की पत्नी जसप्रीत कौर और उसकी बहन राज कौर ने सरबजीत के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसका पवित्र पुस्तक गुरू ग्रंथ साहिब के प्रति असीम आदर था.
जसप्रीत ने कहा, ‘ईश्वर में उनका (लखबीर) पूरा भरोसा था. वह पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के बारे में सोच भी नहीं सकते. जब भी वह गुरद्वारा जाते तो वह अपने परिवार और समाज की भलाई के लिये प्रार्थना करते थे.’
इसके अलावा जसप्रीत ने कहा कि लखबीर का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और कभी उनके चरित्र पर किसी ने सवाल नहीं उठाया. मृतक के परिवार ने सच्चाई सामने लाने के लिये पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है.