प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में आज भारत इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा कवच के रूप में 100 करोड़ कोविड वैक्सीन डोज देने में सफल हुआ: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने बटलर पैलेस में अतिविशिष्ट गृह नैमिषारण्य का लोकार्पण किया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां बटलर पैलेस में अतिविशिष्ट गृह नैमिषारण्य का लोकार्पण किया। इसका निर्माण 60.42 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। मुख्यमंत्री जी ने नवनिर्मित अतिविशिष्ट गृह नैमिषारण्य का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अतिविशिष्ट अतिथि गृह उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक उपलब्धि है। आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह अतिथि गृह एक समय-सीमा में बनकर तैयार हुआ है। उन्होंने कहा कि पूर्व में राज्य सरकार के अतिथि प्रदेश में आते थे, तब कभी ऐसी स्थिति भी हो जाती थी कि उन्हें होटल में रुकवाना पड़ता था। होटल बुक होने की स्थिति में प्रदेश सरकार को अन्य विकल्पों पर भी विचार करना पड़ता था। इस दृष्टि से यह अतिथि गृह प्रदेश सरकार के लिए एक विशिष्ट उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस विशिष्ट अतिथि गृह का नामकरण नैमिषारण्य के नाम पर हुआ है। नैमिषारण्य प्रदेश का एक प्रमुख तीर्थ स्थान है, जहां भारत की सनातन धर्म की परम्परा को लिपिबद्ध एवं पुराणों का वाचन किया गया था। नैमिषारण्य का महत्व माँ ललिता देवी के मन्दिर से भी जुड़ा है। इस अतिथि गृह के अवलोकन के दौरान उन्हें माँ ललिता देवी का चित्र देखने को मिला। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि इस भवन में नैमिषारण्य का भी एक भव्य चित्र लगाया जाए, जिससे बाहर से आये विशिष्ट अतिथि नैमिषारण्य की जानकारी प्राप्त कर नैमिषारण्य की यात्रा कर सके।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह अतिथि गृह एक बहुमंजिला भवन है, जिसमें 07 तल हैं। इसके प्रथम तल पर 07 कक्ष तथा 02 सुइट स्थापित हैं। इस प्रकार इस अतिथि गृह में कुल 73 कक्ष हैं, जिसमें 59 सिंगल कक्ष तथा 14 सुइट हैं। इसमें दूसरे राज्यों से आने वाले मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केन्द्रीय मंत्री या अन्य कोई विशिष्ट गणमान्य अतिथि आते हैं, तो उन सबके यहां पर रुकने की व्यवस्था होगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सम्पत्ति विभाग के नियंत्रणाधीन राजधानी लखनऊ सहित दिल्ली, कोलकाता तथा मुम्बई में कुल 09 राज्य अतिथि गृह संचालित हैं। इन अतिथि गृह में पधारने वाले मंत्रिगण, न्यायमूर्तिगण, प्रदेश के विशिष्ट अतिथिगण, जनप्रतिनिधिगण एवं अन्य महानुभावों के ठहरने की व्यवस्था उनके गरिमा के अनुरूप की जाती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की आध्यात्मिक ऊर्जा का केन्द्र बिन्दु है। उत्तर प्रदेश में भारत की आत्मा बसती है। प्रदेश के अन्दर या बाहर जो भी अतिथि गृह निर्मित हैं, वे देश व दुनिया में राज्य की पहचान बनाये हुए हैं। उस पहचान के अनुरूप प्रदेश सरकार द्वारा इनका नामकरण किया गया है। जैसे राज्य अतिथि गृह मीराबाई का नामकरण माँ ‘सरयू’ के नाम पर किया गया है। सरयू अयोध्या की पावन नदी है और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम से इसका सम्बन्ध रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लखनऊ के विशिष्ट अतिथि गृह डालीबाग का नामकरण माँ ‘यमुना’ के नाम पर किया गया है। महात्मा गांधी मार्ग लखनऊ स्थित अतिविशिष्ट अतिथि गृह का नामकरण ‘साकेत’ के नाम पर किया गया है। विक्रमादित्य मार्ग पर स्थित राज्य अतिथि गृह का नामकरण ‘गोमती’ के नाम पर किया गया है। अतिविशिष्ट राज्य अतिथि गृह रमाबाई अम्बेडकर स्थल बिजनौर रोड लखनऊ में स्थित है। उत्तर प्रदेश भवन, नई दिल्ली का नामकरण ‘संगम’ के नाम पर किया गया है। उत्तर प्रदेश सदन, नई दिल्ली का नामकरण ‘त्रिवेणी’ के नाम पर किया गया है। कोलकाता स्थित उत्तर प्रदेश राज्य अतिथि गृह का नामकरण माँ ‘गंगा’ के नाम पर किया गया है। मुम्बई स्थित उत्तर प्रदेश राज्य अतिथि गृह का नामकरण ‘वृन्दावन’ के नाम पर किया गया है। इन सभी नामकरणों से प्रदेश को एक नई पहचान मिलती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज यहां इस अतिथि विशिष्ट अतिथि गृह का लोकार्पण नैमिषारण्य के नाम पर सम्पन्न हो रहा है, जिससे नैमिषारण्य के पवित्र तीर्थ का आभास लोगों को होता रहे। उन्होंने कहा कि इस भवन के अवलोकन के दौरान उन्हें इस भवन के पीछे एक तालाब भी दिखायी दिया, जो नैमिषारण्य की भौतिक उपस्थिति को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि की उपलब्धि होनी चाहिए कि उसके क्षेत्र में विशिष्ट विकास कार्य हो, जिससे उस जनप्रतिनिधि और नागरिकों के लिए एक पहचान बन सके। उन्होंने कहा कि वे राज्य सम्पत्ति विभाग से आग्रह करेंगे कि राज्य सम्पत्ति विभाग इस विशिष्ट अतिथि गृह के निर्माण करने के साथ ही इसमें सतत रूप से मेंटेनेंस कार्य भी कराता रहे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न तीर्थाें में भी अपने अतिथि गृह बनाना प्रारम्भ किया है। राज्य सरकार द्वारा हरिद्वार में बनाया गया अतिथि गृह बनकर तैयार है। उसका नामकरण महाराज भगीरथ के नाम पर भगीरथ राज्य अतिथि गृह रखा गया है। इसी प्रकार बद्रीनाथ में भी प्रदेश सरकार का एक अतिथि गृह बनाया जा रहा है, जिस पर तेजी से कार्य चल रहा है। इसे समयबद्ध ढंग से पूरा कर लिया जाएगा।
न्याय मंत्री श्री बृजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था व विकास पर विशेष सफलता प्राप्त की है। अतिथियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री जी के विचारों के अनुसार इस अतिथि गृह का नाम नैमिषारण्य रखा गया है, जो प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देगा।
नगर विकास मंत्री श्री आशुतोष टण्डन ने कहा कि आज एक सुखद दिन है, प्रदेश सरकार ने राज्य को एक सुसज्जित गेस्ट हाउस प्रदान किया है। इसमें परिचालन की अच्छी व्यवस्था है, जिससे विभिन्न कार्यक्रमों के संचालन एवं अतिथियों के ठहरने में आसानी होगी। साथ ही, राज्य सरकार के व्यय में भी बचत होगी।
मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी ने कहा कि इस भवन का निर्माण निर्धारित समय-सीमा के अन्दर किया जा रहा है। इसकी आवश्यकता पूर्व में थी। वर्ष 2017 में वर्तमान सरकार बनने के बाद इसका निर्माण कराया गया। इसके रख-रखाव एवं भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्य सम्पत्ति विभाग श्री एस0पी0 गोयल ने मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया कि किसी विभाग की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता व डिजिटलाइजेशन एवं समय से निर्णय लेने की कार्यवाही अतिआवश्यक होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सम्पत्ति विभाग ने भवन आवंटन प्रणाली में पारदर्शिता लाने हेतु ई-आवंटन प्रणाली को लागू किया है। राज्य सम्पत्ति विभाग मानव सम्पदा पोर्टल को अंगीकृत करने वाला प्रदेश का अग्रणी विभाग है, जिसके फलस्वरूप राज्य सम्पत्ति विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विवरण व उनसे सम्बन्धित आवश्यकता व शिकायतों का निस्तारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि विभाग ने पेट्रोकार्ड की व्यवस्था लागू की है।
इस अवसर पर जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में आज भारत इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा कवच के रूप में 100 करोड़ कोविड वैक्सीन डोज देने में सफल हुआ: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां सरस्वती शिशु मन्दिर, माधव सभागार, निराला नगर में संचालित कोविड वैक्सीनेशन सेन्टर का निरीक्षण किया। उन्होंने टीकाकरण केन्द्र की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया तथा कोविड वैक्सीन की प्रथम एवं द्वितीय डोज प्राप्त करने वाले लाभार्थियों से वैक्सीनेशन के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री जी ने कोविड वैक्सीन की द्वितीय डोज प्राप्त करने वाले लोगों एवं वहां कार्यरत हेल्थ वर्कर्स को सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में आज भारत इस सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षा कवच के रूप में 100 करोड़ कोविड वैक्सीन डोज देने में सफल हुआ है। भारत पूरी दुनिया में सबसे तेज, सबसे व्यवस्थित एवं सबसे अच्छा टीकाकरण अभियान संचालित करते हुए आज 100 करोड़ डोज देने के लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री जी, हेल्थ वर्कर्स तथा कोरोना वॉरियर्स का अभिनन्दन करते हुए उन्होंने कहा कि सबको वैक्सीन मुफ्त वैक्सीन प्रदान करने में प्रधानमंत्री जी के संकल्पों के साथ जुड़कर कोरोना मुक्त भारत की परिकल्पना को साकार करने में योगदान देने वाले सभी लोग बधाई के पात्र हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में अब तक 12 करोड़ 25 लाख कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वृहद वैक्सीनेशन अभियान में सभी को बड़ी संख्या में मुफ्त वैक्सीन प्रदान करते हुए प्रदेश इस सप्ताह 13 करोड़ वैक्सीन डोज उपलब्ध करवाने में सफल होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। इन सबके बावजूद सावधानियां एवं सतर्कता बरतनी पड़ेंगी। उन्होंने कहा कि सभी को अपने मन में इस बात को रखना होगा कि कोरोना इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है। तमाम लोगों ने अपने परिजनों को खोया है। उन सबके प्रति हम सभी की संवेदनाएं हैं। सतर्कता एवं सावधानी ही इस महामारी से बचाव के साथ-साथ जीवन और जीविका दोनों को बचाने में बड़ी भूमिका का निर्वहन करेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने इस सरस्वती शिशु मन्दिर के प्रांगण में स्थित कोरोना वैक्सीन सेन्टर में कोविड वेक्सीनेशन के प्रति लोगों में उत्सुकता देखा। यहां पर दूसरी डोज लेने वाले लोगों एवं हेल्थ वर्करों को सम्मानित करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि समाज को सभी कोरोना वारियर्स एवं हेल्थ वर्करों को सम्मान देना चाहिए। जिन्होंने अपनी जान की परवाह किये बगैर इस पूरे अभियान के साथ जुड़ करके नागरिकों के जीवन को बचाने में अपना योगदान दिया। साथ ही, कोरोना वारियर्स, जनप्रतिनिधिगण एवं प्रशासनिक कर्मियों ने इस कोरोना महामारी के दौरान जीविका बचाने में अपना योगदान दिया है। उनका भी अभिनन्दन होना चहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आगामी पर्व और त्योहारों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सावधानी एवं सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। अतिरिक्त सतर्कता के रूप में इस बात का ध्यान रखना होगा कि भीड़-भाड़ से लोग बचंे। जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए दो गज की दूरी मास्क है जरूरी। मंत्र का पालन हम सभी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम सभी स्वाभाविक रूप से मास्क का उपयोग एवं फिजिकल दूरी बनाते हुए कार्य करें, तो कोरोना संक्रमण को रोकने में हमें सफलता प्राप्त होगी। साथ ही, कोरोना महामारी के लिए वैक्सीनेशन और इसके लिए किये जा रहे सभी उपाय भारत को इस महामारी से बचाने व जीवन और जीविका को भी बचाने में सफल होंगे।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई एवं सूचना श्री नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, जिलाधिकारी लखनऊ श्री अभिषेक प्रकाश सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।