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मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में राज्य ऋण संगोष्ठी 2022-23 एवं ग्रामीण समृद्धि सम्मान समारोह को सम्बोधित किया

मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में नगर निगम की 142 करोड़ रु0 की लागत की कुल 358 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में पं0 दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विष्वविद्यालय प्रांगण में नगर निगम की 142 करोड़ रुपए की लागत की कुल 358 परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें कुल 319 परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 39 परियोजनाओं का लोकार्पण शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री जी ने 38.22 करोड़ रुपए की लागत से गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित मल्टीस्टोरी पार्किंग का शुभारम्भ भी किया। इस अवसर पर उन्होंने नगर निगम के 51 सफाईकर्मियों को सम्मानित किया गया। इनमें से 11 सफाई कर्मियों को मुख्यमंत्री जी ने सम्मानित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 21 लाभार्थियों को आवास की चाभी तथा प्रमाण पत्र वितरित किए।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विकास एक सामूहिक प्रयास का परिणाम है। सरकार, प्रशासन एवं कर्मचारी सभी लोग एक साथ प्रयास करते हैं, तो विकास देखने को मिलता है। विकास की गति एक नए गोरखपुर की परिकल्पना को साकार कर रही है। विकास के कार्य ही प्रत्येक नागरिक के जीवन में परिर्वतन लाएगा। विकास की सोच ने ही गोरखपुर को आज राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलायी है। गोरखपुर आज दुनिया के लिए विकास की एक नई पहचान बना है। गोरखपुर में फर्टिलाइजर कारखाना एवं एम्स का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, अगले महीने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी इन दोनो प्रोजेक्ट का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री जी गोरखपुर और पूर्वी उ0प्र0 को 1,000 करोड़ रुपए की परियोजनाओ की सौगात देंगे।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वॉटर स्पोर्ट्स के नए कॉम्प्लेक्स के बनने से गोरखपुर में पर्यटकों को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी। इन सुविधाओं के विकास से यहां के नौजवानों के लिए उस क्षेत्र में आगे बढ़ने हेतु कई सम्भावनाएं भी बढ़ेंगी। 10 वर्ष पूर्व, बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज जर्जर हालत में था, आज बी0आर0डी0 मेडिकल कॉलेज अत्याधुनिक सुविधाआंे से युक्त हो चुका है। कोरोना काल खण्ड में पूर्वी उ0प्र0 के लोगों के जीवन देने वाले मेडिकल कॉलेज के रूप में इस संस्थान ने एक बार फिर बाबा राघवदास की स्मृति को ताजा करवा दिया। गोरखपुर में सड़कों के चौड़ीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ हर एक नागरिक को बिना भेदभाव के मिल रहा है। उन्होंने कहा कि उन कोरोना वॉरियर्स का अभिनन्दन करना चाहिए, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना महामारी के दौरान दूसरों की जान बचायी। इस कार्य में सफाई कर्मी एक मजबूत स्तम्भ बनकर उभरे हैं। आंगनबाड़ी हो या आशा वर्कर, जनता-जनार्दन सहित सभी ने अपने स्तर पर प्रयास किए, जिनका परिणाम है कि आज गोरखपुर कोरोना महामारी से मुक्ति की ओर है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 12 करोड़ 60 लाख से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। उ0प्र0 अब किसी मामले में कमजोर नहीं है। उ0प्र0 देष का अग्रणी राज्य है और इसी सोच के साथ आगे बढ़ने का कार्य कर रहा है। प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत अब तक ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के 43 लाख लोगों को एक-एक आवास उपलब्ध कराया गया है। 43 लाख परिवारों को आर्थिक स्वावलम्बन की ओर अग्रसर किया गया है। यही कारण है कि केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश का देश में अग्रणी स्थान है। साथ ही, 44 ऐसी परियोजनाएं हैं, जिसमें उ0प्र0 प्रथम स्थान पर है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित तमाम योजनाएं आम नागरिक के जीवन में परिर्वतन ला सकती हैं। गोरखपुर में 25 इलेक्ट्रिक बसें चालू की गयी हैैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अन्तर्गत स्ट्रीट वेण्डर्स के व्यवस्थित पुनर्वास के साथ ही उन्हे बैंकांे से जोड़ने कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। विकास को प्रमुखता से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। गोरखपुर में विद्युत के लटके हुए तार के समाधान के लिए धनराशि आवंटन किया जा चुका है। उन्होंने निर्देश दिए कि पावर कॉरपोरेशन तथा जिला प्रषासन इसकी समीक्षा करके समयबद्ध ढंग से इस कार्य को पूरा करें। उपभोक्ताओं की विद्युत सम्बन्धाी समस्याओं का स्थायी समाधान कराया जाए। उन्होंने कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूर्ण करने के साथ ही इनकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि महानगर में जल-जमाव से निजात दिलाने हेतु स्थायी कार्ययोजना तैयार की जाए जिससे यहां जल-जमाव की स्थिति को समाप्त किया जा सके।

इसके उपरान्त, मुख्यमंत्री जी ने जी0डी0ए0 द्वारा निर्मित मल्टीस्टोरी पार्किंग का अवलोकन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इसके तैयार हो जाने से यहां कम से कम 1,000 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था होगी। साथ ही, इसमें कॉमर्शियल गतिविधियां भी संचालित होंगी। पार्किंग के साथ-साथ लोगों को मार्केटिंग की सुविधा होगी और गोलघर में जाम की समस्या से निजात मिलेगी।

शिलान्यास की गई परियोजनाओं में इण्टेलीजेन्ट ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम, ठोस आपशिष्ट प्रबन्धन के कार्य, मृत पशुओं के निस्तारण किए जाने हेतु संयंत्र की स्थापना, 14वां/15वां वित्त आयोग, अवस्थापना विकास निधि एवं नगर निगम निधि के अन्तर्गत सड़क एवं नाली निर्माण कार्य, पेयजल के कार्य, जल निकासी के कार्य, नालों का फाइटोरेमेडिएशन के माध्यम से षुद्धिकरण का कार्य, 1500 एल0ई0डी0 स्ट्रीट लाइट का कार्य, पार्कों का सौन्दयीकरण तथा डूडा द्वारा सड़क एवं नाली निर्माण आदि कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार, लोकार्पित परियोजनाओं में इलेक्ट्रिक बसों हेतु चार्जिंग स्टेशन का निर्माण, 15वें वित्त आयोग के अन्तर्गत सड़क एवं नाली का निर्माण कार्य, रेलवे बस स्टेशन पर फ्री वाई-फाई का कार्य तथा 02 स्थानों पर जोनल कार्यालय के कार्य सम्मिलित हैं।

इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने जनपद गोरखपुर में राज्य ऋण संगोष्ठी 2022-23 एवं ग्रामीण समृद्धि सम्मान समारोह को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद गोरखपुर में योगी राज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में नाबार्ड द्वारा राज्य ऋण संगोष्ठी 2022-23 एवं ग्रामीण समृद्धि सम्मान समारोह को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने उ0प्र0 राज्य सहकारी बैंक को नाबार्ड के माध्यम से अल्प अवधि फसली ऋण के अन्तर्गत 2200 करोड़ को स्वीकृति पत्र, बड़ौदा यू0पी0 बैंक व डी0सी0सी0बी0 के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों एवं कृषकों को दिये गये ऋण का स्वीकृति पत्र, बड़ौदा यूपी बैंक गोरखपुर को वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के तहत 2.50 करोड़ का स्वीकृति पत्र, नाबार्ड से यू0पी0एस0जी0वी0बी0/जे0एल0टी0एस0 को डिजीटलीकरण हेतु स्वीकृति पत्र, स्टेट बैंक द्वारा एफ0पी0ओ0 को ऋण स्वीकृति पत्र प्रदान किया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री जी ने कसया मिल्क ए0टी0एम0 का अनावरण, स्टेट फोकस पेपर 2022-23 का अनावरण, नाबार्ड के चार वर्ष पूर्ण होने पर कॉफी टेबल बुक का विमोचन करने के साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों एवं कृषक उत्पादक संगठनों का सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है। वर्ष 2014 में देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री जी ने भारत की कृषि प्रधान व्यवस्था को केन्द्र व शासन का एजेण्डा बनाया। उन्होंने गांव, गरीब, किसान, नौजवान के हित को ध्यान में रखकर योजनाएं बनायीं। उनके मार्गदर्शन में अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ हुए जैसे के0सी0सी0, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना, यह सब उसी का परिणाम है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से त्रस्त थी तब प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत एक बड़े लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा था। वह लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करना था, जिसके लिए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इन्फ्रास्ट्रक्टर की व्यवस्था प्रधानमंत्री जी ने की। उन्होंने कहा कि इसके अन्तर्गत लगभग 10 हजार एफ0पी0ओ0 का गठन करना, जिसमें उत्तर प्रदेश के अन्दर एक हजार एफ0पी0ओ0 के गठन के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि आजीविका मिशन ग्रामीण क्षेत्र में महिला समूहों को आगे बढ़ाने, उन्हें सम्मान के साथ स्वावलम्बन का जीवन गुजर-बसर करने और आत्मनिर्भर के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। उन्होंने कहा कि जब लॉक डाउन के दौरान लोग पलायन कर अपने घर आये तो ग्रामीण क्षेत्र में महिला आजीविका समूह द्वारा मास्क बनाने, पी0पी0ई0 किट बनाने सहित अन्य कार्यक्रमों के साथ जुड़कर अभियान चलाया गया, वह अत्यंत अभिनंदनीय रहा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में नम्बर एक पर है। न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर किसानों की मदद भी उसी का परिणाम है। उत्तर प्रदेश आलू उत्पादन में नम्बर एक पर है। गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश फिर से नम्बर एक पर है। कोरोना कालखण्ड में प्रदेश की कोई चीनी मिल बन्द नहीं होने दी गयी। 119 चीनी मिलों को चलाया गया। गन्ना किसानों का विगत साढ़े चार वर्ष में 1 लाख 45 हजार करोड़ रूपये का गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया। सरकार द्वारा हर स्तर पर किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने के प्रयास किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गेंहू का रिकॉर्ड क्रय करने के बाद वर्तमान धान क्रय की दिशा में प्रदेश सरकार मजबूती के साथ बढ़ी है। राज्य सरकार लगभग 5 हजार स्थानों पर क्रय केन्द्र स्थापित कर हर एक किसान की उपज को क्रय कर उसका मूल्य डी0बी0टी0 के माध्यम से किसानों के खाते में पूरी प्रतिबद्धता के साथ भेजने का कार्य कर रही है। किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य प्राप्त हो, यह सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि खेती-किसानी अब घाटे का सौदा नहीं रहेगी, बल्कि अन्नदाता किसान सम्मान पायेगा और उसके साथ बैंकर्स भी जुड़ जायेंगे। इनके साथ नाबार्ड जैसी संस्थाएं जुड़ जायेंगी तो चिन्ता की कोई बात नहीं रहेगी। यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाइयां प्रदान करेगा। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि है। लगभग 60 प्रतिशत कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर जब वर्तमान सरकार ने ध्यान दिया तो देखते ही देखते परिवर्तन हुआ और उत्तर प्रदेश, देश की दूसरी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर सामने आया।
इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ0 डी0एस0 चौहान ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा एवं नाबार्ड के कार्यक्रमों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।
कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि सहित बैंकों के प्रतिनिधिगण, स्वयं सहायता समूहों के सदस्य एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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